चित्र में सात्विक भोजन की थाली
|

सात्विक भोजन क्या होता है इसके 10 फायदे, बनाने का तरीका और नुकसान

सात्विक भोजन पौष्टिक, शुद्ध, हल्का और सुपाच्य आहार होता है, जो शरीर, आत्मा और मन को शांति प्रदान करता है।  भगवद गीता के अनुसार, सात्विक आहार बल, आयु और सेहत को बढ़ाता है। इसमें सब्जियां, मौसमी ताजे फल, घी, सूखे मेवे, अनाज आदि शामिल होते है।  यह पाचन को सुधारता है और प्रतिरोधक छमता मजबूत…

चित्र में व्यक्ति और ऋतुचर्या के बारे में
|

आयुर्वेद में ऋतुचर्या क्या है? उनके दोष और जीवनशैली

आयुर्वेद के अनुसार, प्रकृति में मौसम के आधार पर व्यक्ति की दिनचर्या भी परिवर्तन होनी चाहिए जिससे त्रिदोष संतुलित रहे और स्वस्थ जीवन का निर्वाह कर सके।  ऋतुचर्या का प्रत्येक ऋतुओ में अलग-अलग प्रभाव पड़ता है जिसके बारे में आगे जान सकते है – ऋतु दोष क्या है? आयुर्वेदिक ग्रंथो में कहा गया है कि…

चित्र में शिरोधारा थेरेपी कराती महिला
|

Shirodhara therapy in Hindi-शिरोधारा: फायदे और नुकसान

शिरोधारा क्या है? शिरोधारा थेरेपी एक आयुर्वेदिक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें विशेष तरह की औषधीय से युक्त तेल, छाछ, दूध, या अन्य जड़ी-बूटियों वाले द्रव्यों को ललाट (मस्तक) पैर निरंतर धीमी धार डाला जाता है। इस प्रक्रिया से मानसिक शांति, तंत्रिका तंत्र को संतुलन  करने और शारीरिक विकारों को दूर करने में बहुत सहायक…

|

बिना सर्जरी फिशर के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

फिशर क्या है? – Anal Fissure kya hota hai फिशर गुदा (anus) की त्वचा के आस-पास घाव या एक छोटी दरार होती है, इसमें जलन, दर्द कर कई बार खून भी आ सकता है। यह भारी मल त्याग, कब्ज, या मसालेदार भोजन के कारण हो सकता है। क्या बिना सर्जरी के फिशर ठीक हो सकता…

विरेचन के बाद क्या खाना चाहिए-चित्र में बैठ क्र खाती महिला
|

विरेचन के बाद मुझे क्या खाना चाहिए?

आयुर्वेद में विरेचन के बाद की इस प्रकार का आहार लेना होता है जिससे शरीर को फिर से ऊर्जा और पाचन तंत्र संतुलित हो सके ।  ऐसी कोई चीज़ न खाये जिसे पचाना मुश्किल और पाचन तंत्र को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़े। आइये जाने विरेचन कर्म के पश्चात किस प्रकार का आहार लेना चाहिए। पंचकर्म…

विरेचन करने के फायदे-चित्र में पेट दिखाता व्यक्ति
|

आयुर्वेद में विरेचन क्या है, प्रकार, फायदे और नुकसान

आयुर्वेदिक में विरेचन एक शोधन प्रक्रिया है, जो पंचकर्म के पांच प्रक्रियों में से एक है इसका उपयोग शरीर से विषैले पदार्थों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकाल कर पाचन तंत्र को शुद्ध करना है। मुख्यतः यह पित्त दोष को संतुलित करने के लिए किया जाता यही। इसे मुख्य रूप से पित्त दोष को संतुलित करने के…

नाक में घी डालने के फायदे-चित्र में लेती हुई महिला के नाक में गिरती बून्द और एक कटोरी में घी
|

नाक में घी डालने के फायदे, विधि,और नुकसान

नाक में घी डालने के फायदे-इसे नस्य प्रक्रिया कहा जाता है यह आयुर्वेद में प्रयोग किया जाने वाला एक उपचार है। इससे मन और शरीर दोनों को संतुलित और शुद्ध करता है। लेकिन लाभ के साथ ही नस्य करने की विधि क्या है और इसके संभावित नुकसान के बारे में भी जानना जरुरी है। नस्य…

निल शुक्राणु संख्या बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा-बनावटी शुक्राणुओ का संकेत देता चित्र
|

पतंजलि में निल शुक्राणु संख्या बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

Nil Sperm Count Badhane Ki Ayurvedic Dawa निल शुक्राणु में स्खलन के दौरान वीर्य न के बराबर निकलता है इसका मेडिकली इलाज मौजूद है लेकिन लोग साइड इफ़ेक्ट के चलते है आयुर्वेदिक उपचार चाहते है। पतंजलि में आपको शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा प्राप्त हो सकती है जिनके बारे में आगे बताया गया है। प्राकृतिक रूप से…

पंचकर्म चिकित्सा के दौरान एक व्यक्ति लाकड़ी पर उलटी लेटकर अपनी पीठ पर तेल से मसाज करवा रहा है, जो शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
|

पंचकर्म चिकित्सा के लाभ, खर्च और संभावित नुकसान की पूरी गाइड

“पंचकर्म उपचार आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली का हिस्सा है, जो व्यक्ति के तन की शुद्धि और संतुलन के लिए उपयोग की जाती है। इस आर्टिकल में जानिए panchakarma chikitsa ke fayde, प्रक्रिया और नुकसान इसके अलावा उपचार के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में।   पंचकर्म चिकित्सा क्या है ? –…

रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए 7 रामबाण आयुर्वेदिक चूर्ण
|

रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए 7 रामबाण आयुर्वेदिक चूर्ण

रोग प्रतिरोधक शक्ति(immunity power) बीमारियों से बचाने हेतु शरीर का अहम हिस्सा है।  शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया, वायरस और अन्य तरह के हानिकारक कारको से यह लड़ता है।  जब व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक छमता स्ट्रांग रहती है तो हम रोगो से आसानी से बच सकते है।  इसके लिए हमें पर्याप्त नींद, सही आहार,…