पंचकर्म चिकित्सा के लाभ, खर्च और संभावित नुकसान की पूरी गाइड
“पंचकर्म उपचार आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली का हिस्सा है, जो व्यक्ति के तन की शुद्धि और संतुलन के लिए उपयोग की जाती है। इस आर्टिकल में जानिए panchakarma chikitsa ke fayde, प्रक्रिया और नुकसान इसके अलावा उपचार के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में।
पंचकर्म चिकित्सा क्या है ? – Panchakarma Therepy Kya Hai
पंचकर्म का अर्थ है पांच क्रियाएं, जो मुख्य रूप से यह शरीर पहले से जमा हुए विषाक्त पदार्थों (toxic) और अवशेषों को बाहर निकालने के लिए की जाती है। जिससे व्यक्ति के शरीर और मानसिक रूप से संतुलित होने में मदद मिलती है।
पंचकर्म थैरेपी एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपचार विधि है यह तन, मन और आत्मा शुद्धि के लिए कैसे मदद कर सकती है, इसके फायदे , साइड इफेक्ट्स, खर्च और कोर्स के बारे में पाए एक विस्तृत जानकारी।
पंचकर्म चिकित्सा के लाभ – Panchakarma ke labh
पंचकर्म चिकित्सा के कुछ प्रमुख लाभ:
1. विषाक्त जमा पदार्थों का निष्कासन – Detoxification Process
पंचकर्म विषैले पदार्थों (toxins elements) को शरीर से बाहर निकालता है जिससे शरीर साफ और तन में ऊर्जा का संचार होता है।
2. मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में राहत –
पंचकर्म प्रक्रिया में स्नान और मालिश तकनीकों के प्रयोग से जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है। इससे दर्द में राहत और रक्तसंचार बेहतर होता है।
3. त्वचा में सुधार-Glow Skin
आपका स्किन कलर कैसा भी हो जब आपका शरीर डेटॉक्स होता है चेहरे पर रौनक और रंगत निखारने लगती है। पंचकर्म उपचार त्वचा को शुद्ध और स्वस्थ कर चमक प्रदान करती है।
4. पाचन तंत्र में सुधार
पंचकर्म चिकित्सक द्वारा गैस, कब्ज, एसिडिटी, और अन्य पाचन तंत्र संबंधी जैसी समस्याओं ठीक करने में मदद करपाचन को फिट बनाता है।
5. तनाव में कमी और मानसिक शांति
पंचकर्म शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित कर चिंता, अवसाद और तनाव को दूर करने में मदद करता है जिससे आपको मानसिक शांति मिलती है।
6. रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि
यह शरीर की प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाव में मदद करता है। यह शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाने में सहायक है।
7. एंटी-एजिंग में सहायक
नियमित रूप से पंचकर्म का पालन करने से शीघ्र वृद्धावस्था के संकेत कम दिखते हैं। यह त्वचा को युवा और अधिक लचीला बनाने में मदद करता है।
8. नींद की गुणवत्ता बढ़ाये
यदि अच्छी नींद नहीं आती है तो पंचकर्म थेरेपी अनिद्रा और उसकी गुणवत्ता में सुधार कर सकता हैं।
9. अवसाद और तनाव करना
पंचकर्म अवसाद(depression) और मानसिक तनाव(mental stress) को कम कर मानसिक स्थिति सुधारने में बहुत असरदार है।
10. शरीर में संतुलन बनाए रखना
पंचकर्म के आयुर्वेद के तीन दोष के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसके जरिए यह पित्त, कफ और वात में बैलेंस कर मानसिक और शरीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है।
पंचकर्म की कुछ प्रमुख प्रक्रियाएँ:
1. वमन (Vamana)– इस प्रक्रिया में उबले हुए औषधियों के मिश्रण से उल्टी कराने की कराई जाती है जिससे शरीर के अंदर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते है।
2. विरेचन (Virechana)– शरीर से बने हुए विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त पित्त (bile) को बाहर निकालने के लिए व्यक्ति को दस्त (laxative) दिया जाता है।
3. नस्य (Nasya)– गले और सिर से जुडी परेशानियों को ख़त्म करने के लिए नाक के माधयम से जड़ी-बूटियों वाला तेल डाला जाता है।
4. बस्ती (Basti)– आंतो के जरिये शरीर को साफ करने के लिए औषधियां वाले तेल को मलद्वार के माध्यम से अंदर डाला जाता है।
5. रक्तमोचन (Raktamokshana)– यह एक एक जटिल प्रक्रिया है जो रक्त को शुद्ध करने के लिए होती है, इसमें खून से टॉक्सिक रक्त पदार्थों को बाहर निकाना होता है। यह केवल खास परिस्थितियों में ही की जाती है।
पंचकर्म चिकित्सा का खर्च
पंचकर्म चिकित्सा में होने वाले अनुमानित खर्चखर्च के कई कारक हो सकते है जैसे –
यदि पंचकर्म को बड़े आयुर्वेद केंद्रों, रिसोर्ट, प्राइवेट क्लिनिक या बड़े अस्पतालों में है और इसके अलावा उनकी गुणवत्ता भी उच्च है तो खर्च लगभग ₹25,000- ₹50,000 या अधिक हो सकता है और पूरी प्रक्रिया करने में 1,50,000- ₹3,00,000 तक भी हो सकता है।
यदि बड़े शहरो में पंचकर्म उपचार करा रहे है तो भी खर्च ज्यादा आ सकता है वही छोटे शहरों में कम खर्च लगभग ₹5,000 -₹15,000 । पूरे उपचार में ₹25,000- ₹50,000 तक लग सकता है।
पंचकर्म चिकित्सा का खर्च दिनों में आधार पर भी हो सकता है सामन्यतः 5 से लेकर 21 दिनों के लिए यह उपचार किया जाता है लेकिन कई बार व्यक्ति की परिस्तिथि के अनुसार इलाज लम्बा और अधिक दिन भी लग जाते तो ₹15,000 ₹30,000 प्रतिदिन के हिसाब से खर्च बढ़ जाता है।
पंचकर्म थेरेपी की सभी प्रक्रियाएं कराने पर खर्च बढ़ना स्वाभाविक है।
पंचकर्म में उपयोग होने वाले अच्छी गुणवत्ता के तेल, जड़ी-बूटियों के आधार पर भी खर्च में फर्क आ जाते है।
इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक पंचकर्म केंद्र भोजन और रहने के लिए आवास भी प्रदान करते है तो इनका खर्च भी जुड़ सकता है और कुछ विशेष उपचार चाहते है तो उसका खर्च भी लग सकता है।
पंचकर्म के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
- जैसा की आपको पता है की पंचकर्म एक प्राचीन उपचार है यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है लेकिन वही कुछ नुकसान भी हो सकते है जो संभावित है जैसे –
- शरीर से विषैले पदार्थ निकलने के बाद कुछ दिन तक कमजोरी(Fatigue और थकान महसूस हो सकती है खासकर उन्हें जिन्हे पहले से इम्युनिटी की कमी थी।
- वमन और नस्य प्रक्रिया के बाद सूजन(Swelling) या जलन हो सकती है क्योंकि कई बार शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता है।
- यदि व्यक्ति पंचकर्म का ठीक से पालन नहीं करता है तो कभी-कभी विपरीत असर हो सकता है।
- जिन लोगो को ब्लड प्रेसर, मधुमेह, किडनी रोग या ह्रदय रोग है वे पंचकर्म कराने से पहले किसी विशेषज्ञ की राय ले इनके लुक प्रक्रिये हानिकारिक हो सकती है।
- गर्भवती महिलाये खासकर इस स्थिति में पंचकर्म न कराये या कुछ प्रक्रियाये जैसे जैसे विरेचन और वमन प्रेग्नेंसी को प्रभावित कर सकती है।
- यदि पंचकर्म केंद्र में स्वछता है का अभाव है तो बस्ती और नस्य प्रक्रिया के समय संक्रमण का खतरा रहता है।
- यदि कोई व्यक्ति पहले से ही कोई अन्य उपचार कर रहा है तो पंचकर्म की औषधियां और दूसरी दवा के असंगत नुकसान कर सकती है।
- पंचकर्म के बाद शरीर को आराम मिलना चाहिए ऐसा न होने पर शरीर में थकान उत्पन्न हो सकती है।
- कई बार अधिक शुद्धिकरण से हार्मोन्स असंतुलित हो जाते है।
पंचकर्म आयुर्वेदिक कोर्स के सम्बन्ध में :
पंचकर्म चिकित्सा कोर्स में छात्रों को इसके सिद्धांत, प्रक्रियाओं और तकनीक गहरी समझ देना।
1. पंचकर्म कोर्स की अवधि:
पंचकर्म पाठ्यक्रम कोर्स 1 महीने से 6 महीने तक हो सकता है। वही कुछ संस्थान तो 1-2 महीने की विशेष ट्रेनिंग भी प्रदान कर सकते है।
सर्टिफिकेट कोर्स या फिर डिप्लोमा आमतौर पर 6 महीने से लेकर 1 साल तक हो सकती है।
2. पंचकर्म पाठ्यक्रम के विषय:
– आयुर्वेद के सिद्धांत
– पंचकर्म की प्रक्रियाएँ एवं फायदे
– पंचकर्म उपयोगी औषधियाँ, तेल और चिकित्सा उपकरण
– पंचकर्म प्रक्रिया से जुडी आयुर्वेदिक विधियाँ
– विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए पंचकर्म का प्रयोग
– उपचार के बाद आहार और देखभाल
3. कोर्स की फीस:
पंचकर्म कोर्स फीस स्थान, संस्थान, कोर्स और अवधि के आधार पर भिन्न सकती है। आमतौर सर्टिफिकेट कोर्स ₹15,000-₹30,000 तक की फीस हो सकती है और डिप्लोमा कोर्स ₹50,000-₹1,00,000 तक फीस हो सकती है।
4. पंचकर्म आयुर्वेदिक कोर्स के प्रमुख संस्थान:
1. भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान (IIM) पंचकर्म प्रशिक्षण और विभिन्न प्रकार के आयुर्वेद कोर्सेस प्रदान करते हैं। वही राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय इन कोर्सेस को कराते है। इसके आलावा केरल आयुर्वेद संस्थान पंचकर्म की गहन शिक्षा देते है।
इन कोर्स के सम्बन्ध में स्वयं से या किसी विशेषज्ञ की सलाह ले यह सिर्फ एक सामान्य जानकारी के लिए है। हेल्थ विचार वेबसाइट इसके सबंध में कोई पुष्टि नहीं करता है।
निष्कर्ष
पंचकर्म चिकित्सा के और भी लाभ हैं, जो सभी के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। यदि आप तनाव मुक्ति, शुद्धिकरण और समग्र स्वास्थ्य के लिए कोई बेहतर प्राकृतिक उपचार चाहते है तो पंचकर्म चिकित्सा एक असरदार और प्रभावी उपचार है। लेकिन इसे अनुभवी और प्रशिक्षित आयुर्वेद चिकित्सक से ही कराना चाहिए। इस लेख में पंचकर्म के सम्बन्ध में केवल एक सामान्य जानकरी प्रदान के लिए, उपचार के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अनिवार्य है।