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क्या हम प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा खा सकते हैं? प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान 

प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा खाना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान बच्चे और माँ दोनों के ही हेल्थ को बढ़ावा देते हैं। आइए जानते है प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा (Water Chestnut) खाना चाहिए या नहीं?

एक गर्भवती महिला और सिंघाड़े की छवि-प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा खाने के फायदे
                प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा

प्रेगनेंसी के दौरान कई चीज़ो को खाने सबंधी ख्याल आते है की इस फल और सब्जी को खा सकते या नहीं, ताकि कोई परेशानी न हो।  उन्ही चीज़ो में से एक है सिंघाड़ा(water chestnut) जो ऐसे ही खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है लेकिन क्या यह pregnancy में सेफ है, तो चलिए जानते है प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान

क्या हम प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा खा सकते हैं? – Can we eat singhara water (chestnut) during pregnancy?

1. पोषक तत्वों से युक्त

सिंघाड़ा में विटामिन आयोडीन, पोटैशियम, B6, विटामिन E, और  मैग्नीशियम का जबरदस्त स्रोत है, जो माँ और बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

2. शरीर को ठंडक प्रदान करने वाला

प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर एसिडिटी की शिकायत रहती है, सिंघाड़ा ठंडा होने के कारण जलन और एसिडिटी से राहत मिलने में मदद होती है।

 3. फॉलिक एसिड का बेहतर स्रोत

गर्भावस्था में तो फोलिक एसिड लेने के लिए खास कहा जाता है, सिंघाड़े में अच्छा फॉलिक एसिड होता है, जो भ्रूण के मस्तिष्क विकास और रीढ़ की हड्डी के लिए आवश्यक है। यह नवजात में होने अले न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट को रोकने में मदद करता है।

 4. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए

सिंघाड़े में  विटामिन E और इसके एंटीऑक्सीडेंट गर्भवती महिला की इम्यून सिस्टम को मजबूत कर संक्रमण (infection) से बचाव करते हैं।

 5. कब्ज राहत में सहायक

प्रेगनेंसी में कब्ज (constipation) होना सामान्य है क्योंकि सिंघाड़े में फाइबर का स्रोत है तो यह पाचन को दुरुस्त करता है और कब्ज में राहत दे सकता है।

 6. हड्डियों को मजबूत करे

सिंघाड़े में मैग्नीशियम और कैल्शियम मौजूद होता है जो प्रेग्नेंट औरतो और बच्चे की हड्डियों(bones) को स्ट्रांग कर सकते है। और  गर्भवती महिला और बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

 7. ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल करे

सिंघाड़ा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, इससे गर्भावस्था के समय high blood pressure का जोखिम हो सकता है।

8. एनर्जी बहाल करने में मददगार

सिंघाड़ा कार्बोहाइड्रेट्स का भी बेहतर सोर्स है जो एनर्जी देने का कार्य करते है और शरीर से थकान और कमजोरी को दूर कर सकते है।

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प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा क्यों नहीं खाना चाहिए – Why should  singhara not be eaten during pregnancy?

  1. सिंघाड़े(water chestnut) को संतुलित मात्रा में ही खाये अन्यथा अपच या पेट में दर्द हो सकता है।
  2. प्रेगनेंसी एक नाजुक अवस्था होती है जिसमे विशेष ध्यान रखना पड़ता है सिंघाड़ा को बहुत सफाई से खाना चाहिए क्योंकि यह पानी में मिलने वाला फल है जिसमे कई प्रकार के बैक्टीरिया हो सकते है और वे शरीर में जा सकते है क्योंकि इस दुराण इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।
  3. सिंघाड़ा नैचुरली ठंडा होता है जो गर्भाशय के संकुचन की वजह बन सकता है इसलिए डॉक्टरी सलाह पर ही सिमित तरीके से खाये।
  4. वही प्राकृतिक ठंडा होने से यह सिरदर्द का कारण भी हो सकता है।
  5. यदि इससे किसी प्रकार की कोई ऐलर्जी है तो न खाये।  जरुरी नहीं है की यह सभी प्रेग्नेंट महिलाओं के साथ लेकिन सेवन से पहले डॉक्टर को अपनी स्थिति के बारे में बताये।

प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा कैसे खाएं? – how to eat chestnut

1. सिंघाड़ा को कच्चा, उबला हुआ या फिर आटे के रूप में खाया जा सकता है।
2. सिंघाड़े के आटे का हलवा या पराठे भी बना सकते यही  आटा हलवा या परांठा बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. अधिकतर लोग उबले हुए सिंघाड़े को चटनी या नमक के साथ खाते है यह स्वादिष्ट होने के साथ आसान है।

निष्कर्ष 

इस लेख में प्रेगनेंसी में सिंघाड़ा के बारे सामान्य जानकारी दी गयी है सिंघाड़ा प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर है, जो प्रेगनेंसी में माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। लेकिन गर्भवती महिलाये इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श ले।

 

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

Q- 1 दिन में कितने सिंघाड़े खाने चाहिए?

एक दिन में लगभग 20 सिघाड़े खाया जा सकता है लेकिन डॉक्टरी सलाह जरुरी है।

Q- कच्चे सिंघाड़े की तासीर क्या होती है?

कच्चे सिघाड़े की तासीर प्राकृतिक रूप से ठंडी होती है।

Q- क्या सिंघारा कब्ज का कारण बनता है?

वैसे तो सिंघाड़ा कब्ज कण्ट्रोल करने का कार्य करता है लेकिन अधिक खाने से पेट में ब्लोटिंग हो सकती है।

Q- सिंघाड़ा कब नहीं खाना चाहिए?

जब आंतो से सबंधित कोई दिक्कत हो, अपच, जुकाम, कब्ज के दौरान नहीं खाना चाहिए।

Q- सिंघाड़ा खाने का सही समय

वैसे तो कभी भी खा सकते है लेकिन खाने के साथ न खाये और न ही रात में ले क्योंकि यह ठंडी तासीर का होता है दिन में धुप में खाना बेहतर हो सकता है।

 

 

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