हिमालय हड़जोड़ का टूटी हड्डी एवं महिलाओं के अलावा अन्य फायदे, नुकसान और खाने का तरीका

हड़जोड़ को अस्थिसंहार भी कहते है जैसा कि नाम से पता चलता है कि हड्डी जोड़ना। इसे आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। हड्डी जोड़ने के अलावा यह अन्य बिमारियों जैसे पाइल्स, पेट संबंधी तकलीफ, अल्सर, ल्यूकोरिया आदि के लिए भी उपयोग किया जाता है।
वानस्पतिक नाम- सीस्सुस क्वाड्रंगुलारिस (Cissus quadrangularis )
कुल – वाइटेसी (Vitaceae)
अन्य नाम
- Sanskrit- अस्थिसंहार, ग्रन्थिमान्,वज्राङ्गी, अस्थिश्रृंखला, चतुर्धारा
- Hindi-हड़जोड़,, हड़जोड़ी, हड़जोरवा, हड़संघारी
- Bengali-हरजोर (Harjora), हाड़भांगा (Harbhanga),
- Marathi- त्रीधारी (Tridhari), चौधरी (Chaudhari), कांडबेल (Kandavela),
हड़जोड़ के चूर्ण को हड्डी जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका अंग्रेजी में (बोन सेटर_ कहते है। यह पूरे भारत के उष्ण प्रदेशों तथा पश्चिमी हिमालय में उत्तराखंड से लेकर पश्मी घाट के वनो तक यह पाया जाता है। इससे सिंगल टूटी हड्डी ठीक हो सकती है न कि कम्पाउंड फ्रैक्चर।
हड़जोड़ से हड्डियों को कैसे जोड़ते है – how to use Hadjod Plant in Bone Fracture in Hindi)
हड्डियों को जोड़ने में हड़जोड़ का अधिक इस्तेमाल होता है लेकिन इसे सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए।
पहला तरीका
हड़जोड़ की पत्तियों को सूखाकर पीस लें। पत्तियों के पेस्ट के बराबर ही उदड़ दाल भी मिलाकर गीला पीस लें। अब बांस की लकड़ी की मदद से हड्डी को सीधी कर लें। अब कॉटन के कपड़े पर ये लेप लगाकर कपड़ा बांध दें। इसके ऊपर से बांस की लकड़ी को कुशा(देशी घांस) के सहारे बांध दें। हर तीसरे दिन इस लेप को बदलना है।
दूसरा तरीका
इसके साथ इन दो उपयो में से कोई एक करें –
- 2 से 5 ग्राम हड़जोड़ के पाउडर को दूध के साथ पीने से पिलाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ने लगती है।
- 1 चम्मच घी में हड़जोड़ की पत्तियों का 2 छोटा चम्मच रस मिक्स कर लें और खा लें। इसके बाद 250ml दूध पी लें।
इन सभी चीज़ों को एक महीने तक करे
कैसे जोड़ता है हडि्डयां
हड़जोड़ में पोटैशियम, सोडियम और कैल्शियम कार्बोनेट पाया जाता है और इसे टूटी हड्डी जोड़ने में बहुत फायदेमंद पाया गया है। इसमें एंटीइंफ्लैमटरी गुण भी होते हैं जो हाथ- पैरो की सूजन और दर्द को कम करते हैं। बांस के कैल्शियम के साथ मिलकर हड़जोड़ में पाया जाना वाला कैल्शियम हड्डी जोड़ने में मदद करता है।
अस्थिसंहार का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? (How to Use Hadjod in Hindi?)
बीमारी के लिए हड़जोड़ के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। किसी विशेष बीमारी के इलाज के लिए हड़जोड़ का उपयोग बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के न करें।
- 2 से 4 मिली तने जड़ का रस
- 1 से 2 ग्राम पेस्ट
- 5 से 10 मिली पत्ते का रस
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हड़जोड़ के अन्य फायदे – Benefits of astisanhar/hadjod for health in hindi
Benefits in Stomach related Problems in Hindi)
ल्यूकोरिया(प्रदर) में हड़जोड़ के फायदे (Hadjod Benefits in Leukorrhea in Hindi)
योनि से सफेद पानी निकलने की समस्या अक्सर महिलाओं को होती है इससे कमजोरी भी आ सकती है। हड़जोड़ का सेवन इसमें फायदेमंद (Hadjod ke fayde) होता है। 5 से 10 मिली हड़जोड़ काण्ड रस का सेवन करने से अनियमित श्वेतप्रदर या सफेद पानी में राहत होती है।
अर्श (पाइल्स) में राहत दे हड़जोड़ (Hadjod Beneficial in Piles in Hindi)
ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने से बवासीर की परेशनी हो सकती यही लेकिन अस्थिसंहार( (Hadjod ke fayde)) इसमें लाभकरी है। आदि है तो पाइल्स के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
शरीर के दर्द में लाभकारी हड़जोड़ (Hadjod works as Natural Pain Relief in Hindi)
हड़जोड़ में दर्दनिवारक गुण होते हैं इससे बदन दर्द में कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाता है। इसके लिए सोंठ, काली मिर्च तथा अस्थिसंहार के 1 से 2 ग्राम पेस्ट का सेवन करें।
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