नाक में घी डालने के फायदे, विधि,और नुकसान
नाक में घी डालने के फायदे-इसे नस्य प्रक्रिया कहा जाता है यह आयुर्वेद में प्रयोग किया जाने वाला एक उपचार है। इससे मन और शरीर दोनों को संतुलित और शुद्ध करता है। लेकिन लाभ के साथ ही नस्य करने की विधि क्या है और इसके संभावित नुकसान के बारे में भी जानना जरुरी है।

नस्य से उपचार आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा का हिस्सा है, जिसे “नस्य” कहा जाता है। इस विधि द्वारा नाक, साँस और दिमाग से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। नाक में घी डालने से मानसिक शांति प्रदान होती है आइये जाने नाक में घी डालने के मुख्य लाभ।
नाक में घी डालने के क्या फायदे है – What are the benefits of putting ghee in the nose?
1. सांस से जुडी समस्याओं में राहत:
- नाक में घी की बुँदे डालने से सांस की नली साफ होती है जिससे नाक की रुकावट दूर हो सकती है।
- अस्थमा, साइनस, बार-बार होने वाली सर्दी जैसी समस्याओं में लाभकारी।
2. स्मरणशक्ति और दिमाग के लिए फायदेमंद:
- घी मस्तिष्क को पोषण देकर छमता और याददाश्त बढ़ाता है।
- मानसिक थकान और तनाव को कम करने में मदद करता है।
3. आंखों के लिए लाभदायक :
- नेत्रों की जलन कम और दृष्टि तेज करने में मदद करता है।
4. बालों का झड़ना और रूखापन कम करे:
- नाक में घी डालने से बाल मजबूत और सिर की त्वचा को उचित पोषण मिलता है, जिससे बाल घने और चमकदार होते है।
5. सिरदर्द और अनिद्रा में राहत:
- मस्तिष्क शांत करने के लिए नाक में घी डालन एक अच्छा उपाए है इससे अच्छी नींद भी आती है।
- इसके अलावा या सिर के दर्द और माइग्रेन में राहत देता है।
नाक में घी डालने की विधि – Method of Putting Ghee in the Nose and Its Benefits
नाक में घी सही तरीके से डालने के कई सारे फायदे हो सकते हैं। रात को रोज सोने से पहले व्यस्को के नाक में दो बून्द और साथ छोटे बच्चों के नाक में एक-एक बूंद डाला जा सकता है। छोटे बच्चों में एक बूंद और वयस्कों में दो बूंद घी नाक में डाला जा सकता है।
यदि नॉस्ट्रिल में घी सुबह डालना चाहते है तो नाश्ता करने के एक घंटा पहले या खाली पेट डाले या फिर रात को सोते समय। घी को हल्का गुनगुना करना बेहतर है।
नाक में डालते वक्त सीधे लेते और सिर को पीछे की तरफ थोड़ा झुका ले।
गाय का शुद्ध घी या ब्राह्मी घी का उपयोग नाक में डालने के लिए कर सकते है।
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नाक में घी डालने के नुकसान (Side Effects)
हालांकि यह नस्य विधि अधिकतर सुरक्षित होती है, लेकिन कई बार नुकसान हो सकता है:
- नाक में अधिक घी के उपयोग से नाक में चिपचिपाहट हो जाती है जिससे साँस लेने में असुविधा होती हो सकती है।
- यदि घी से किसी भी तरह की एलर्जी है तो घी नाक में न डाले।
- अगर जुकाम या सर्दी है तो भी नाक में घी का उपयोग न करे इससे बलगम बढ़ सकता है।
- खराब गुणवत्ता वाला या अशुद्ध घी न ले।
- भोजन करने के तुरंत बाद नाक में घी न डाले।
निष्कर्ष
नाक में घी डालना एक आयुर्वेदिक पद्धति है जो शरीर की समस्याएं दूर करती है। हालांकि, यहाँ प्रदान की गयी जानकारी सामान्य है इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक सलाह जरुरी है।
FAQs – नाक में घी डालने से सबंधित पूछे जाने वाले सवाल
Q- घी की कितनी बूंद नाक में डालना चाहिए?
A- छोटे बच्चो के लिए एक से दो बून्द और बड़ो के लिए दो से तीन बून्द घी की डालना पर्याप्त है।
Q- नाक में गाय का घी कब डालना चाहिए?
A- नाक में घी सुबह या रात में जब सोने के लिए जा रहे हो। तब गाय का घी नस्य में डलबा लाभदायक हो सकता है।
Q- नाक में घी डालने से कौन सी बीमारी ठीक होती है?
A- नाक में घी डालने से माइग्रेन, साइनस, आखो की रौशनी, सिरदर्द की परेशानी दूर हो सकती है।
Q- नाक में घी डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है?
A- हाँ, नस्य में घी डालने से आंख की रौशनी बढ़ सकती है।