स्किन सहित यष्टिमधु पाउडर के फायदे और नुकसान

यष्टिमधु पाउडर(Yastimadhu) स्वाद में मीठा और ग्लाइसीरिझा ग्लाब्रा की जड़ से बना होता है यह एशिया और दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्सों में पायी जाती है। yastimadhu गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों के अतिरिक्त अन्य शारीरिक फायदे दे सकती है। इसे लिकोरिस या मुलेठी पाउडर भी कहते है। आइए जाने की यष्टिमधु पाउडर कैसे उपयोग करें और इसके लाभ।
यष्टिमधु पाउडर या लीकोरिस क्या होता है ?
यष्टिमधु आयुर्वेदिक औषधि है इसे मुलेठी भी कहते है और अंग्रेजी में इसका नाम Liquorice है। यह एक झाड़ीनुमा पौधे होते है इसकी जड़ ‘को स्वीट्रोट भी कहा जाता है क्योंकि यह मीठापन का एहसास कराता है इसे पीसकर ही पाउडर बनाया जाता है।
यष्टिमधु को अतिमधुरम, जेष्टमधु, नघपान, मलहठी, मधुक क्लीतक, मीठी लकड़ी, जेठीमधु, आदि नामों से भी जाना जाता है। यष्टिमधु चूर्ण के सेवन से पेट और गले से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में हेल्पफुल हो सकती है।
इस चित्र में यष्टिमधु पाउडर और इसकी प्राकृतिक सूखी जड़ को दिखाया गया है जो अपने आयुर्वेदिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है।
यष्टिमधु चूर्ण का क्या उपयोग है? – Yashtimadhu powder ke fayde
लीकोरिस पाउडर के विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ और उपयोग है जिनमे कुछ यहाँ बताये जा रहे है।

त्वचा के लिए यष्टिमधु पाउडर के फायदे- yashtimadhu powder for skin in hindi
- गुलाब जल, दूध और यष्टिमधु पाउडर(Yastimadhu) में दूध और गुलाब जल बनाकर पेस्ट को एंटी-एजिंग मास्क के रूप में चेहरे पर लगा सकते हैं|
- चेहरे से टैनिंग हटाने और निखार लाने के लिए यष्टिमधु पाउडर में कुछ बुँदे नीबू और शहद डालकर पेस्ट रूप में लगा सकते है।
- यष्टिमधु चूर्ण को दूध या गुलाब जल में मिलाकर चिकना पेस्ट बनाये और 15 से २० तक चेहरे पर लगा रहने दे फिर नार्मल पानी से धो ले।
- यष्टिमधु पाउडर में चेहरे पर लगाने वाली क्रीम को मिलाकर लगाने से डार्क स्पॉट दूर किये जा सकते हैं|
- एक्जिमा और सोरायसिस के लिए भी लीकोरिस पाउडर का उपयोग कर सकते है।
मेन्टल हेल्थ के लिए
यष्टिमधु पाउडर तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टिसोल को बैलेंस करने में मदद कर सकता है।
अल्सर के लिए फ़ायदेमदं
लीकोरिस रूट में ग्लाइसीरिज़िक नामक एसिड होता है जो पेप्टिक अल्सर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
महिलाओं के लिए मुलेठी चूर्ण
मासिक धर्म में ऐंठन और रजनोवृत्ति के दौरान होने वाली समस्या में भी मुलेठी चूर्ण अपना असर करती है।
कैंसर उपचार के लिए लीकोरिस
मुलेठी का उपयोग चीनी चिकित्सक मुलेठी का उपयोग कैंसर के उपचार के रूप में भी करते हैं।
यष्टिमधु पाउडर पतंजलि price
पतंजलि मुलेठी चूर्ण के 100ग्राम-55 रुपये का हो सकता है कीमत में बदलाव संभव है।
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यष्टिमधु पाउडर कैसे इस्तेमाल करें – how to use yashtimadhi powder in hindi
यष्टिमधु पाउडर को सुबह-सुबह के पानी के साथ लें|
किसी भी स्मूथी में यष्टिमधु चूर्ण को मिला सकते हैं|
व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए यष्टिमधु पाउडर को मसालों में मिला सकते हैं | सलाद में छिड़क सकते है।
यष्टिमधु पाउडर सेवन के नुकसान
प्रेग्नेंट महिलाओं को यष्टिमधु चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहिए इससे समय पूर्व ही प्रसव पीड़ा हो सकती है।
अधिक मात्रा में मुलेठी पाउडर खाने से दस्त,उल्टी, सिर दर्द, सूजन और ब्लड प्रेसर बढ़ सकता है।
मुलेठी या यष्टिमधु चूर्ण का अधिक उपयोग न करे यह पोटेसियम के असर को कम कर सकता है।
जिन लोगो को हायपोथायरॉइडिज्म है या कोई मूत्रवर्धक दवाये ले रहा है उन्हें भी यष्टिमधु पाउडर का उपयोग नहीं करना चाहिए।
FAQs – यष्टिमधु पाउडर से जुड़े सवाल
Q- त्वचा को गोरा करने के लिए यष्टिमधु पाउडर का उपयोग कैसे करें?
A- यष्टिमधु पाउडर में शहद या नीबू मिलाकर फेस पर लगाने से सनबर्न से टैन हुई त्वचा सुधरती है। इससे स्किन सॉफ्ट और ग्लो हो सकती है।
Q- यष्टिमधु खाने से क्या होता है?
A- यष्टिमधु खाने से छाती की जलन, खांसी, पेट का अल्सर, चेहरे की रंगत में सुधार अदि फायदे हो सकते है।
Q- एसिडिटी के लिए यष्टिमधु कैसे लें?
A- 3 ग्राम यष्टिमधु पाउडर को भोजन के बाद पानी के साथ ले सकते है बेहतर है कि डॉक्टर से परार्मश ले।
Q-क्या यष्टिमधु पाउडर त्वचा के लिए सुरक्षित है?
A- हां, यष्टिमधु चूर्ण त्वचा के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित है। यह त्वचा को चमकदार बनाने और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है।