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पंचगुण तेल बनाने की विधि और उपयोग

चित्र में पंचगुण तेल की शीशी
                         पंचगुण तेल

आयुर्वेद में पंचगुण तेल एक विशेष तेल होता है, जो आमतौर पर मांसपेशियों, जोड़ों, नसों की कमजोरी और हड्डियों की समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है। यह पाँच प्रमुख औषधीय निर्मित यह तेल गुणों से भरपूर होता है, इसलिए इसे पंचगुण तेल कहते है। इसे स्वयं से घर पर भी बनाया जा सकता है।

पंचगुण तेल बनाने की मुख्य सामग्री

  1. तिल का तेल – 500 ml -आधार तेल के लिए
  2. गुग्गुल – 10 ग्राम -दर्द और सूजन कम करने के लिए
  3. हल्दी – 10 ग्राम -एंटीसेप्टिक और सूजनरोधी गुणों के लिए
  4. नागकेसर – 10 ग्राम -नसों को मज़बूत करने  और रक्त संचार बढ़ाने के लिए
  5. दशमूल चूर्ण – 20 ग्राम -वात को संतुलित करने  और जोड़ों के दर्द के लिए
  6. कपूर  – 5 ग्राम -शीतलता और दर्द निवारण के लिए

पंचगुण तेल बनाने की विधि

  1. तैयारी करे :
    • सभी जड़ी-बूटियों को सबसे पहले अच्छे से पीस ले।
    • अगर पहले से पीसा हुवा ले रहे है तो छान लें।
  2. तेल पकाये:
    • एक लोहे या सिंपल कढ़ाई में तिल का तेल डालकर और धीमी आंच पर गर्म करें।
    • इसमें दशमूल चूर्ण, गुग्गुल, हल्दी और नागकेसर डालें।
    • इसे धीमी आंच पर 30-40 मिनट तक पकाएं और बीच-बीच में हिलाते रहें।
    • जब मिश्रण से खुशबू आने लगे और तेल में जड़ी-बूटियों का सार अच्छे से आ जाए, तो इसे आंच से हटा लें।
  3. छानना और स्टोर करना:
    • तेल को आराम से ठंडा होने दें।
    • इसके बाद एक महीन छलनी या मलमल के कपड़े से छान लें, ताकि औषधियों के कण तेल में न आये।
    • अब इसमें कपूर मिलाये और हिला लें।
  4. सावधानिया:
    • इसे कांच की बोतल में सूखी और ठंडी जगह पर रखें।
    • 6 महीने तक इसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

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पंचगुण तेल कैसे उपयोग करे 

  • गुनगुना करके मालिश करें:
    • तेल को हल्का गर्म करके प्रभावित जगह पर लगाएं।
    • धीरे-धीरे सर्कुलर मोशन में हल्के हाथो से मालिश करें, जिससे तेल त्वचा में अच्छे से अवशोषित हो सके और रक्त संचार बढ़े।
  • रात को लगाएं:
    • इसे रात में सोने से पहले लगाने से अधिक लाभ होता है, क्योंकि शरीर इस समय आराम की स्थिति में होता है जिससे तेल का असर गहराई से होता है।
  • स्नान से पहले :
    • आप नहाने से 30 से 40 मिनट पहले भी तेल लगाकर हल्की मालिश कर सकते है।
    • फिर गुनगुने पानी से नहाये इससे शरीर में पहुंचने वाली गर्मी आराम और सुकून मिलता है।
  • जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए:
    • नियमित रूप से सुबह और रात या दिन में 2 बार पंचगुण तेल को प्रभावित स्थान पर  लगाकर मालिश करें।
    • इसे 1से 2 महीने तक लगातार प्रयोग से बेहतर परिणाम मिलते है।
  • नसों की समस्या और मांसपेशियों की कमजोरी के लिए:
    • दर्द या कमजोरी वाले हिस्से पर पंचगुण तेल को हल्का गर्म करके लगाएं।
    • 5 से 10 मिनट तक हल्के हाथों से  मालिश करें।
    • गर्म पट्टी या कपड़े से प्रभावित क्षेत्र को ढक ले इससे तेल का असर बेहतर होता है।

उपयोग के फायदे 

संधिवात(arthrities), जोड़ों के दर्द और गठिया में लाभकारी
मांसपेशियों और नसों को मज़बूत बनाता है
दर्द और सूजन को कम करता है
हड्डियों शक्ति दे

सावधानियां:

  • पंचगुण तेल को कटे-फटे स्थानों और खुले घाव पर ना लगाएं
  • गर्भवती महिलाएं चिकित्सक से परामर्श ले।
  • यदि इस तेल को पहली बार इस्तेमाल कर रहे है तो पहले किसी छोटे जगह पर लगाकर देख ले। 
  • किसी गंभीर समस्या में पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें

निष्कर्ष

इस लेख में पंचगुण तेल बनाने की विधि और उपयोग के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान की गयी है कृपया इसे इस्तेमाल करने से पहले किसी अच्छे आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह ले। 

 

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