बिना सर्जरी फिशर के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

फिशर क्या है? – Anal Fissure kya hota hai
फिशर गुदा (anus) की त्वचा के आस-पास घाव या एक छोटी दरार होती है, इसमें जलन, दर्द कर कई बार खून भी आ सकता है। यह भारी मल त्याग, कब्ज, या मसालेदार भोजन के कारण हो सकता है।
क्या बिना सर्जरी के फिशर ठीक हो सकता है?
हाँ, आयुर्वेद में कई प्राकृतिक औषधिये उपचार हैं जो बिना किसी सर्जरी के भी फिशर ठीक किया जा सकता हैं, अगर फिशर अधिक पुरानी नहीं है तो और जल्दी ठीकहो सकता है।
आयुर्वेदिक उपचार और दवाएँ
त्रिफला चूर्ण – मल त्याग को आसान और कब्ज दूर करता है।
कैस्टर तेल – घाव भरने में मदद करने के साथ मल को नरम करता है।
हल्दी पाउडर – संक्रमण और सूजन को कम करता है।
अश्वगंधा – घाव जल्दी भरे और नसों को मजबूत बनाये।
घृतकुमारी – एलोवेरा जलन और सूजन को कम करता है।
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फिशर कितने दिन में सही होता है?
यदि फिशर नया(acute) है और सही तरीके से उपचार किया जा रहा है तो 4 से 6 सप्ताह में ठीक हो सकताहै। वही यदि फिशर पुरानी (chronic) है तो ३ से ६ महीने लग सकते है परहेज करने से और जल्दी राहत मिल सकती है।
फिशर में क्या परहेज करना चाहिए?
तली-भुनी और मसालेदार चीज़े बंद करे यह जलन बढ़ाते है।
जंक फूड और मैदा कब्ज पैदा करते है।
चाय और कॉफी का अधिक सेवन डिहाइड्रेशन बढ़ाते है।
ज्यादा देर तक न बैठे इससे दबाव पड़ता है।
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क्या फिशर में चावल खा सकते हैं?
हाँ, खा सकते है लेकिन ब्राउन राइस अधिक फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें फाइबर होता है सफ़ेद चावल कम खाये क्योंकि यह कब्ज का निर्माण करते है।
घी फिशर के लिए अच्छा है?
हाँ, घी फिशर के मरीज ले सकते है क्योंकि यह आंतो को चिकना कर मल त्याग को आसान करता है और कब्ज में भी करता है। घी को हल्के गर्म दूध में मिला कर लिया जा सकता है। लेकिन पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले।
फिशर में दूध पी सकते हैं क्या?
हाँ, लेकिन सिमित मात्रा में ही क्योंकि दूध कब्ज बनाता है चाहे तो डॉक्टरी सलाह पर इसमें घी मिला ले और ठंडा दूध न ले।
फिशर का परमानेंट इलाज क्या है?
फिशर एक बार ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकता है इसके इलाज के लिए यह घरेलू उपाए कर सकते है।
आयुर्वेदिक औषधियाँ – त्रिफला, अरंडी तेल, जात्यादि तेल, अश्वगंधा और हल्दी ।
फाइबर युक्त सामग्री – साबुत अनाज, फल और सब्जियाँ।
गर्म पानी से सिटज बाथ – रोज 10 से 15 मिनट हल्के गर्म पानी में बैठें।
एक्सरसाइज और योग– मल त्याग को सरल बनाने वाले आसान व्यायाम करे।
परहेज – तनाव से बचें, मसालेदार भोजन न करे और ज्यादा देर तक न बैठे।
निष्कर्ष
बिना सर्जरी के भी पुरानी फिशर के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा और लाइफस्टाइल से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेदिक औषधियां बवासीर और फिशर के इलाज में सहायक हो सकती यही। ;लेकिन की उपचार अपनाने से पहले चिकित्सक परमर्श अनिवार्य है।