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महाविषगर्भ तेल बनाने की विधि और फायदे

महाविषगर्भ तेल-चित्र में एक शीशी में तेल
महाविषगर्भ तेल

 

महाविषगर्भ तेल एक आयुर्वेदिक प्रभावशाली औषधीय तेल है, जिसे विशेष रूप से जोड़ों के दर्द, गठिया (Arthritis),  नसों की कमजोरी, मांसपेशियों की जकड़न और सूजन और लकवा (Paralysis),  के उपचार के लिए निर्मित किया जाता है। यह तेल आयुर्वेद में कफ और वात और दोष को संतुलित करने के लिए भी जाना जाता है।

महाविषगर्भ तेल के मुख्य घटक (Ingredients)

आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णित पारंपरिक विधि के अनुसार इस तेल को बनाया जाता है। इसमें प्रमुख  रूप से निम्नलिखित औषधीय सामग्रियाँ शामिल होती हैं:

मुख्य द्रव्य और जड़ी-बूटियाँ :

  1. शुद्ध विष (Purified Aconite)
  2. अरण्ड तेल (Castor Oil)
  3. तिल का तेल (Sesame Oil)
  4. गंधक (Sulfur)
  5. पारा (Mercury)
  6. ताम्र भस्म (Copper Bhasma)
  7. लौह भस्म (Iron Bhasma)
  8. नाग भस्म (Lead Bhasma)
  9. सिंदूर (Red Sulfide of Mercury)
  10. वंग भस्म (Tin Bhasma)

महाविषगर्भ तेल बनाने की विधि – Recipe for Ayurvedic Mahavishgarbha Taila

आयुर्वेदिक महाविषगर्भ तेल एक औषधीय तेल है, जिसे विशेष रूप से जोड़ दर्द, गठिया,  लकवा, मांसपेशियों की जकड़न, और स्नायु रोग को ठीक करने के लिए बनाया जाता है। यह तेल कफ और वात को संतुलित करने में मदद करता है।

1. तेल का आधार(base) तैयार करना

  • अरण्ड तेल (Castor Oil) और तिल का तेल (Sesame Oil) को धीमी आंच पर गर्म करें। जब तेल थोड़ा गर्म हो जाए, तो इसमें लौह भस्म, वंग भस्म, नाग भस्मडालें।

2. जड़ी-बूटियों का मिश्रण

  • शुद्ध विष, पारा, गंधक, सिंदूर, ताम्र और भस्म को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें।
  • अब इस पाउडर में बनाये हुए तेल में धीरे-धीरे डेल और लगातार चलाते रहें।
  • जब मिश्रण अच्छी तरह न मिल जाये पकाते रहे।

3. शुद्धिकरण और छानना 

  • तेल के पाक जाने के बाद यह गाढ़ा हो जायेगा फिर इसे ठंडा होने दे।
  • इसे किसी महीन छलनी या कॉटन के कपड़े में रख कर छाने जिससे ठोस वाले कण कपडे में ही रह जाये और बाकि छन जाये। अ
  • यह तेल शुद्ध है इसे कांच की शीशी में भर ले और दो से तीन दिन धूप दिखाए।

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डाबर महाविषगर्भ तेल का कैसे इस्तेमाल करे?

    • दर्द वाली जगह पर तेल को हल्का गुनगुना करके धीरे-धीरे हाथ से मालिश करें।
    • नहाने के 20 मिनट पहले या रात को सोने से पहले महाविषगर्भ तेल से मसाज करे।
    • नियमित रूप से लगाने पर अधिक लाभ हो सकता है।
  • महाविषगर्भ तेल के प्रमुख उपयोग – Vishgarbha Oil uses in Hindi

    1. जोड़ दर्द और गठिया में राहत

    महाविषगर्भ तेल  ऑस्टियोआर्थराइटिस, संधिशोथ (Rheumatoid Arthritis) और  गठिया,जैसी बीमारियों में प्रभावी होता है। प्रतिदिन मालिश जोड़ों की जकड़न को कम करके दर्द में तेजी से राहत देती है।

    2. लकवा और नसों की कमजोरी में 

    इस तेल में मौजूद ऐसे औषधीय गुण उपस्थित है जो नर्वस सिस्टम को फिर से एक्टिव करने में मदद करते हैं, जिससे लकवा ग्रस्त(Paralysis) अंगों की कमजोरी और सुन्नता कम होती है।

    3. मांसपेशियों का दर्द और जकड़न कम करता है

    महाविषगर्भ तेल घुटनों के दर्द, पीठ, गर्दन, और कंधे  के लिए बेहद प्रभावी है। यह मांसपेशियों में गर्माहट देकर उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने और पोषित करता है।

    4. माइग्रेन और सिरदर्द में लाभकारी

    माइग्रेन और तनाव के कारण होने वाले दर्द के लिए थोड़ी मात्रा में महाविषगर्भ तेल की मालिश करने से राहत मिलती है, क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र(nervous system) को शांत करता है।

    5. पुराने घावों और फ्रैक्चर के उपचार में सहायक

    फ्रैक्चर के बाद की  रिकवरी और हड्डियों की मजबूती के लिए भी इस तेल का उपयोग किया जा सकता है।

महाविषगर्भ तेल का क्या उपयोग है?

  • जोड़ दर्द, गठिया, और नसों की कमजोरी होने पर मालिश करें।
  • गुनगुना करके पीड़ा वाले हिस्सों पर हल्की मसाज करे।
  • स्नायविक विकारों में प्रतिदिन नियमित रूप से प्रयोग करें।
  • अधिक लब्ध के लिए इसे रात में लगाए।

निष्कर्ष

इस लेख में डाबर महाविषगर्भ तेल एके बारे एक सामान्य जानकारी दी गयी है जो कि एक आयुर्वेदिक औषधिये तेल है इसके इस्तेमाल से जॉइंट पेन, लकवा, मांसपेशियों की पीड़ा से राहत देने के अलावा सहित बेहतर रक्त प्रवाह के लिए उपयोगी हो सकता है लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले एक बार चिकित्सक सलाह जरूर ले।

 

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