जानिए Dr.vivek bindra की life success story in hindi
Dr.vivek bindra’s life success story in hindi इस आर्टिकल में जानिए कि कैसे डॉक्टर विवेक बिंद्रा ने अपनी जिंदगी में सभी संघर्षो का सामना कर हर मुश्किलों से कुछ न कुछ सीखा और हार नहीं मानी। स्वयं को इस काबिल बनाया की आज दूसरे लोग उनसे प्रेरणा ले रहे है –
डॉ. विवेक बिंद्रा का पारिवारिक परिचय
विवेक बिंद्रा दिल्ली के रहने वाले है और इनका जन्म 5 अप्रैल 1978 को हुआ है। इनकी पत्नी का नाम गीता सबरवाल है और एक बेटा है जिसका नाम माधव बिंद्रा है। बचपन में ही इनके पिता का साया सिर से उठ गया और मात्र २.5 वर्ष की उम्र में मां ने भी इनका साथ छोड़ दूसरा विवाह कर लिया। वर्तमान में यह एक सफल badabusiness.com के फाउंडर और CEO, Corporate Trainer, motivational speaker, you tuber, Business consultant and life coach है। इनकी नेट वर्थ 500 करोड़ है।
पढ़ाई और खेल कूद
भागवत गीता का अध्ययन और एक सफल व्यक्ति बनना-Dr. Vivek Bindra motivational journey
विवेक बिंद्रा का ट्रेनिंग प्रोग्राम
डॉ. विवेक बिंद्रा की पहली सफलता
यूट्यूबर और मोटिवेशनल स्पीकर
बड़ा बिज़नेस एप्प
इनकी स्वयं की बड़ा बिजनेस नाम की एप्प है इसमें बड़े बड़े सी ई ओ बिजनेस से रिलेटेड विडियोज डालते है। इस एप्प की कीमत मात्र डेढ़ हजार के अंदर है इसके द्वारा ये लोगो को बिजनेस की ट्रेनिंग देते है।
डॉ विवेक बिंद्रा की प्रसिद्ध किताबे
Everything about corporate etiquette
Everything about leadership
Effective Planning and Time Management
Everything about Effective Communication
Double your Growth and Through Excellent Customer Service
अवार्ड्स एंड अचिवमेंट्स
best corporate trainer award 2014 warded by maruti suzuki
Asia Genius international awards”
Personality Development awards
Awarded by Year 2019 by Economic Times newspaper
Youth Entrepreneur of the Year Award 2019
Good ceo manager:- Times of India
“Pride of Nation award.
Golden Book of World records
Best Book Author of Business
Best Motivational Speaker 2019 at International Glory Awards
डॉ. विवेक बिंद्रा के विचार-
Dr. Vivek Bindra ka success mantra
अपनी स्ट्रैटजी बदलो लक्ष्य नहीं।
अगर आप काम न करने के बहाने ढूंढ सकते हो तो काम करने के भी ढूंढ सकते है हो।
सपना देखने वालो के लिए रात कम पड़ जाती है, जबकि सपना पूरा करने वालों के लिए दिन छोटा पड़ता है।
काम करो या न करो, लेकिन काम की फिक्र करो, फिक्र करो या न करो लेकिन काम का जिक्र करो।
सफलता परिस्थितयों के बदलने से निर्धारित नहीं होती, सफलता वास्तविकता के पीछे की मानसिकता बदलने से निर्धारित होती है।
आपका पहला प्रोडक्ट सफल होने के लिए नहीं बनता है, पहला प्रोडक्ट केवल टेस्ट करने के लिए बनता है।
मेरे देश की जिम्मेदारी नहीं है, मुझे आगे बढ़ाने की बल्कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने देश को आगे बढ़ाऊंगा।
निष्कर्ष
आशा है कि आपको डॉ विवेक बिंद्रा सफलता कहानी अच्छी लगी होगी। इनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन संघर्षो से हार मत मानिये।