हार्मोनल बैलेंस के लिए सबसे प्रभावी योगासन और प्राणायाम टिप्स
योग और प्राणायाम के जरिये आप हार्मोनल बैलेंस को बेहतरीन तरीके से सुधार सकते है जिससे तनाव मैनेजमेंट और प्रजन्न अंगो को भी स्ट्रेंथ मिल सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में आप्तजन सकते है की ब्रीथिंग टेक्निक और कुछ योगासनो के सहयोग से हार्मोन्स को संतुलित करना हो सकता है।
हार्मोनल बैलेंस के लिए yog
हार्मोन्स कई ग्रन्थियों से उत्पादित होता है जैसे- पिट्यूटरी, अंडाशय व वृषण, पैनक्रियास, थायराइड आदि और इन्हे बैलेंस रहना जरुरी होता है यदि यह इमबैलेंस हो गए है तो इन्हे योग के द्वारा भी ठीक कर सकते है।
योग तनाव हार्मोन जिसे कार्टिसोल कहते है का प्रोडक्शन कम करता है, थायरॉक्सिन हॉर्मोन्स को संतुलित करता है, प्रजनन अंग से सबंधित हार्मोन्स को भी बैलेंस करने में हेल्पफुल है।
हार्मोनल बैलेंस के लिए फायदेमंद योग
यहाँ कुछ ऐसे योग बताये गए है जो हार्मोन्स को संतुलित करने मेंमदद कर सकते है।
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- भुजंगासन (cobra pose) – यह थायरॉइड ग्रंथि के लिए बहुत बेहतरीन योग है। थाइरोइड ग्रंथि के लिए अच्छा है।
- पश्चिमोत्तानासन (seated forward bend) – यह प्रजनन अंगों को मजबूत करने और स्ट्रेस को कम करने में असरदार है।
- सेतु बंधासन (breeze pose) – रक्त संचार और हार्मोनल बैलेंस के लिए फायदेमंद है।
- सुप्त बद्ध कोणासन (reclined bound pose) – हार्मोनस बैलेंस और पेल्विक क्षेत्र के लिए बढ़िया है।
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हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए ब्रीथिंग टेक्निक
आप आगे बताये गए श्वास तकनीकों और प्राणायाम कर कस्ते है ये हार्मोन्स असंतुलन को कण्ट्रोल करने और तनाव काबू करने का कार्य करते है।
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- नाड़ी शोधन (ultranet nostril breathing) – यह विधि भी मानसिक चिंता और तनाव को कम कर सकती है। तनाव और चिंता को कम करता है।
- कपालभाती – यह बहुत ही प्रसिद्ध और मनहुवा प्राणायाम है जो शरीर को न सिर्फ डिटॉक्सिफाई करता है बल्कि मेटाबोलिज्म को भी सुधारता है।
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योग का मासिक धर्म के लिए
योग हार्मोन्स इमबैलेंस के कारन होने वाले मासिक धर्म के अनियमितता और दर्द को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली टिप्स
योग के साथ अपनी जीवनशैली को भी बेहतर कर हार्मोनल बैलेंस हो सकता है इसके अलावा अच्छी नींद, उचित आहार पर भी ध्यान देना जरुरी है।
FAQs – हर्मोनल बैलेंस के लिए योग से सबंधित प्रश्न
Q- क्या अनुलोम-विलोम प्राणायाम हार्मोन संतुलन में मदद करता है।
A- हाँ, अनुलोम-विलोम प्राणायाम हार्मोन संतुलन में मदद कर सकता है।
Q- क्या व्यायाम करने से हार्मोन बढ़ता है?
A- हाँ, कुक अध्ध्यनों में व्यायाम करने से टेस्टोस्टेरोन, एंडोर्फिन और ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन में वृद्धि पायी गयी है।
Q- हार्मोन संतुलन के लिए कौन सा व्यायाम सबसे अच्छा है?
A- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, क्रंच, एरोबिक, पुशअप एक्सरसाइज और योगासन में प्राणायाम (कपालबाहन्ति हार्मोन संतुलन के लिए अच्छे हैं।
Q- एक्सरसाइज करने से कौन सा हार्मोन रिलीज होता है?
A- एक्सरसाइज से शरीर में डोपामाइन, एंडोर्फिन, टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन का प्रोडक्शन होता है।
Q- हार्मोन कहाँ से निकलता है?
A- हर्मोन्स अलग-अलग ग्रंथियों से निकलता है जैसे- थायरॉयड, एड्रिनल, पिट्यूटरी, पैनक्रियास और गोनैड्स (अंडाशय व वृषण) आदि से।
निष्कर्ष
इस लेख में हार्मोनल बैलेंस के लिए उपयोगी योग आसन बताये गए है जिसकी मदद से आप अपने हार्मोन्स को संतुलित कर सकते है कोई भी योग करने से पहले योग विशेषज्ञ से सलाह ले।