गठिया बाय का रामबाण इलाज: घरेलू औरआयुर्वेदिक उपाय
गठिया बाय का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत पा सकते। आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ होते है जो गठिया होने पर परहेज किया जाता है क्योंकि यह शरीर में वायु का असर बढ़ाते है जो जोड़ो की हड्डियों को प्रभावित करते है जानिए गठिया बचाव के आयुर्वेदिक तरीके और प्रभावी उपचार।

गठिया बाई की शुरुआत कैसे होती है?
गठिया बाय (Arthritis) एक तकलीफदेह लेकिन सामान्य बीमारी है, जो जोड़ों में दर्द और सूजन उत्पन्न करती है। अधिकतर घुटने, बाएं पैर या हाथ में हो सकता है, जिससे दैनिक जीवन के कार्य प्रभावित होता है।
गठिया बाई की शुरुवात हल्की सूजन और दर्द के साथ हो सकती है जो आगे चलकर अकड़न, अधिक दर्द और लालिमा में बदलने लगती है सही उपचार द्वारा थोड़े समय के लिए गठिया के दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है, हलाकि लम्बे समय तक के आराम के लिए इसका अच्छे से आयुर्वेदिक या दवाईयों द्वारा इलाज करना चाहिए। यहाँ gathiya rog ka ilaj के लिए जो भी उपाय बताये गए उन्हें आजमाने से पहले चिकित्सक परार्मश जरुरी है।
गठिया बाय के कारण-Causes Of Arthritis
- अधिक उम्र
- शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता
- जोड़ो में घिसाव
- कमजोर उपास्थि
- शरीर में वात दोष का असंतुलन
- अनुचित खान-पान
- संक्रमण या चोट
गठिया बाय के लक्षण-
- जोड़ों में अकड़न और दर्द
- लालिमा और सूजन
- हिलने-डुलने और चलने में कठिनाई
- ठंड के मौसम में दर्द बका ढ़ना
गठिया बाय का रामबाण इलाज – Ayurvedic
1. मेथी, अदरक और हल्दी
- तटभार के लिए मेथी के दानों को भिगो दे और सुबह खाएं।
- अदरक और हल्दी की चाय पीना फायदेमंद हो सकता है।
2. शिलाजीत और अश्वगंधा
- गठिया के दर्द को कम करने में अश्वगंधा मदद करता है।
- शिलाजीत जोड़ों को मजबूत और शरीर में होने वाली कमजोरी को दूर कर है।
3. पंचकर्म आयुर्वेदिक चिकित्सा
- तेल मालिश (अभ्यंग)
- भाप चिकित्सा (स्वेदन)
- बस्ती
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4- आमवातारि रस
गठिया के इलाज के लिए आयुर्वेद में आमवातारि रस का भी उपयोग किया जाता है. इसमें अमृतु, पुनर्नवा, दशमूला, गुग्गुलु, त्रिफला जैसी जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं
गठिया बाय जड़ से खत्म करने के लिए घरेलू नुस्खे-gathiya ka gharelu ilaj
1. लहसुन और सरसों का तेल
- लहसुन दो तीन कलियों को सरसों के तेल में डालकर गर्म करें और दर्द वाले स्थान पर मालिश करें।
2. एलोवेरा और नीम का उपयोग
- गठिया रोग में नीम की पत्तियों का काढ़ा पीने से राहत मिल सकती है।
- एलोवेरा जूस पीने से शरीर की सूजन कम हो सकती है।
3. गर्म पानी और सेंधा नमक
- जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे सिकाई करे।
गठिया बाय से बचने के उपाय
- संतुलित भोजन करे जिसमें हरी सब्जियां, मौसमी फल और Omega-3, विटामिन्स युक्त खाद्य पदार्थ हों।
- रोजाना हल्का व्यायाम और योग करें।
- नमी और ठंड वाली जगहों से बचें।
कौन सी जड़ी बूटी गठिया से छुटकारा दिलाती है?
निर्गुंडी, गुग्गुल, शलाकी, अश्वगंधा, रसना, बोसवेलिया. हरिद्रा (हल्दी), शुंथि (अदरक), जैसे जड़ी-बूटियां गठिया में बहुत आराम देती है।
गठिया में कौन सी दाल खानी और नहीं खानी चाहिए?
गठिया होने पर साबुत हरी मूंग खाना अच्छा रहता है यह पचने सरल होता है वही गठिया के दौरान मसूर की दाल, राजमा, छोले, चना की दाल, मशरूम नहीं खाना चाहिए यह शरीर में वायु का प्रकोप बढाते है।
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गठिया में क्या परहेज करना चाहिए?
परहेज का मतलब होता है उसे कम या सिमित खाना।
कैंडी, आइसक्रीम, सोडा, कोक या ज़्यादा मीठे से परहेज़ करें
ज़्यादा प्रोटीन वाले आहार करने से परहेज़ करें.
रेड मीट से परहेज़ करें.
अधिक अल्कोहल सेवन न करे
ज़्यादा नमक और सोडियम खाने से परहेज़ करें.
प्रोसेस्ड फ़ूड से भी परहेज़ करें.
तेल, बटर और अधिक घी वाले खाद्य पदार्थों को न खाये
मैदा से बने खाद्य जैसे स्नैक्स, बिस्किट वगैरह से परहेज़ करें.
आलू थोड़ा कम ले
नाइटशेड वाली सब्ज़ियों जैसे मिर्च, टमाटर, बैंगन, से परहेज़ करें.
निष्कर्ष
गठिया बाय का रामबाण आयुर्वेदिक उपचार संभव है यदि सही समय पर अच्छे से घरेलू उपाय अपनाए जाएं। लेकिन किसी भी उपचार को करने से पहले डॉक्टरी सलाह आवश्यक है।