कासनी अर्क के फायदे और नुकसान-Kasani Arq Uses in hindi

कासनी अर्क के रोचक 10 फायदे और नुकसान-Kasani Arq Uses in hindi

कासनी जिसे चिकोरी भी कहा जाता है। यह एक बारहमासी जड़ी-बूटी है जिसका स्वाद कॉफ़ी के जैसा होता है लेकिन खास बात यह है कि इसमें कैफीन नहीं होता है। कासनी( Ksani arq ke fayde) कई तरह के लाभदायक गुण होते है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते है इस आर्टिकल में जानिए चिकोरी के सेवन से किन बीमारियों को दूर किया जा सकता है।

कासनी अर्क के फायदे और नुकसान-Kasani Arq Uses in hindi
chicory/kasani arq ke fayde

चिकोरी का फूल नीले रंग का होता है और यह भारत में उत्तर-पश्चिम जगहों में पाया जाता है। हालांकि यह कोई चिकित्सक द्वारा प्रमाणित नहीं है लेकिन कासनी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद हो सकती है बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। इसके इसके अलावा यह  हृदय रोग, गठिया, कब्ज जैसी समस्याओं में भी आराम होती हैं।

कासनी के अन्य नाम कौन-कौन से है ?

चिकोरी, सुकोरी,  ब्लू सेलर, सिकोरियम इंटीबस, रेडिचियो, हिंदुबा, कास्नी, कासिनी-विट्टुलु,  सिकारी, कासिनीचिक्करी, काचानी, काशीनी, कासिनी, कासिनी-विराई।

कासनी अर्क के 10 फायदे – Chikori or Kasani Arq Ke Fayde In Hindi

 

कसानी (चिकोरी) कब्ज के प्रबंधन में फायदेमंद – kasani arq for constipation

कसानी कब्ज के प्रबंधन के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह आंतो में इनुलिन(प्रीबायोटिक) का उत्पादन करता है अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाता है। यह बैक्टीरिया पाचन में सुधार करने के साथ ही मल को आसानी से त्यागने में मदद करते है।

चिकोरी वजन घटाने में मदद करता है

कासनी की जड़(root) में दो घटक इनुलिन और ओल्गिफ्रुक्टोज पाया जाता है जो वजन प्रबंधन में बहुत सहायक होते है क्योंकि यह एक एमिनो एसिड जिसे घ्रेलिन जो कि भूख लगने के लिए के लिए जिम्मेदार होता है उसे नियंत्रित करने का कार्य करते हैं।  यह और अधिक खाने से बचाता है तथा आपमें संतुष्टि की भावना को बढ़ाता है।

पित्त संतुलित करे

आयुर्वेद के अनुसार, कासनी(kasani) पित्त को संतुलित करने का गुण होता है जिससे पित्ताशय में होने वाली पथरी को प्रबंधित करने के लिए उपयोगी हो सकती है।

तनाव और चिंता से राहत

कसानी की एडाप्टोजेनिक प्रवृत्ति चिंता(anxiety), अवसाद,  पार्किंसंस, मनोभ्रंश आदि तरह की मानसिक स्थितियों में लाभदायक हो सकती है। इसके अवसादरोधी तत्व मन और दिमाग को शांत कर चिड़चिड़ापन कम करता है।  तनाव क्व कारण व्यक्ति के हाथ-पैर ठन्डे पड़ने लगते है।

किडनी के स्वास्थ्य लिए कासनी

कासनी के अर्क में मूत्रवर्धक गुण शामिल है इसमें पेशाब की मात्रा और आवृत्ति को बढ़ाने की छमता है। इसके अतिरिक्त कासनी रूट लीवर और किडनी को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

मुक्त कणो से बचाव करे – chicory arq for free radicals

2-3 चम्मच कसानी के जूस(kasani arq) को पीने से इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों(free radicals) से होने वाली कोशिकाओं की क्षति और यकृत में विकार होने से बचा सकता है।

भोजन को सरलता से पचाये

कसानी(chikori arq) गर्म प्रकृति का होने की वजह से यह जठराग्नि अग्नि को बढ़ावा देता है जिससे भोजन को आसानी से पचने  में मदद होती है और यह मल में बल्क जोड़कर आसानी से निष्काषित होने सहायक हो सकता है। यदि आप कासनी जूस का सेवन नियमित रूप से करते है तो यह पाचन दुरुस्त कर भूख में सुधार करता है।

हड्डियों की मजबूती के लिए

कसानी या चिकोरी कैल्शियम के अवशोषण में सहायक है इसलिए यह हड्डियों को मजबूत करने के साथ ही इनके स्वास्थ्य लिए भी अच्छा है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस में उपयोगी

चिकोरी एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी(एंटी-इंफ्लामेंटरी) के गुण ऑस्टियोआर्थराइटिस  वाली सूजन और दर्द को प्रबंधित करने में भी मदद करता है।

स्किन के लिए असरदार

कसानी में रोगाणुरोधी(एंटी-बैक्टीरियल) कई प्रकार के त्वचा विकार की रोकथाम के लिए भी उपयोगी हो सकता है।  नारियाल तेल में कसानी पाउडर को मिलाकर लगाने से त्वचा के हल्के घाव को भरने में मदद मिल सकती है।

सिर दर्द में आराम दे

इसके अलावा सिरदर्द में (kasani arq ke fayde) पत्तियों के पेस्ट को माथे के ऊपर पर लगाने से राहत मिलती है।

कासनी का सेवन कैसे करे ?- Kasani arq uses in hindi

कसानी कैप्सूल – 1-2 कैप्सूल दिन में दो बार, या आयुर्वेदिक चिकित्सक परामर्शानुसार 

कसानी जूस – 2-3 चम्मच दिन में एक बार, या आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्शानुसार 

कसानी अर्क – 6-10 चम्मच दिन में दो बार, या आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा निर्धारित

कसानी चूर्ण – ¼ – ½ छोटा चम्मच दिन में दो बार, या आयुर्वेदिक चिकित्सक के सुझावानुसार

कसानी के साइड इफेक्ट्स

जिन्हे मैरीगोल्ड्स, डेज़ीज़ और रैगवीड से एलर्जी है वे चिकोरी /कासनी से भी एलर्जिक हो सकते है। गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के कसानी का सेवन नहीं करना चाहिए इससे गर्भपात होने का खतरा हो सकता है।

शक्तिशाली कसानी पोषण तत्वों से समृद्ध पारंपरिक जड़ी-बूटी है जिसका यदि सही खुराक उपयोग की जाये  शरीर के लिए फ़ायदेमदं हो सकती है।  वैसे तो इसका कोई नुकसान जानने में नहीं आया है लेकिन बिना किसी एक्सपर्ट या डॉक्टरी  निर्देश दिए लेना उचित नहीं है।  इसे लम्बे समय तक लेने पर हो सकता है की कुछ लोगो को दस्त, मितली, पेट की ऐठन या चक्कर आ सकते है।

डिस्क्लेमर 

कासनी(kasani arq ke fayde) के सम्बन्ध में यहाँ दी गयी सूचना केवल सामान्य उद्देश्यों और जानकारी के लिए है। यह ब्लॉग किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार या निदान प्रतिस्थापित नहीं करता है। इसलिए इसके सेवन से पहले किसी चिकित्सीय प्रदाता की सलाह लें।

FAQs

Q – क्या चिकोरी की जड़ किडनी पर सख्त होती है?

A – हाइपरयूरिकेमिक चूहों की किडनी में लगी चोट पर किये गए एक अध्यन के अनुसार, कासनी ने यूरिक एसिड के लेवल में कमी कर दिया था।  लेकिन और अधिक शोध की जरुरत है इसलिए डॉक्टरी परामर्श आवश्यक है।

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