Pet Dard ka Gharelu Upay-पेट में दर्द और मरोड़ का घरेलू उपचार क्या है?
Pet Dard ka Gharelu Upay पेट में दर्द किसी भी व्यक्ति के लिए काफी असुविधाजनक हो सकता है फिर चाहे वह किसी भी तरह का पेट दर्द जैसे – अपच का, मासिक धर्म का, गैस का आदि बहुत मुश्किल देता है। इस दौरान ली जाने वाली गोलियाँ हो सकता है कि केवल अस्थायी राहत दे, लेकिन इसके मूल कारण को ही दूर करने के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार लोग पसंद करते हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में, अपच और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी विकारों से 30% से अधिक आबादी प्रभावित होती है। पेट दर्द समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसकी यह कुछ भी हो सकती है लेकिन घरेलू उपाय इसमें राहत दे सकते है वह भी बिना किसी खास साइड इफेक्ट्स के लेकिन गंभीर मामलो में डॉक्टरी परामर्श जरुरी है। पेट दर्द बहुत से प्राकृतिक उपाय सरलता से उपलब्ध हो सकते है –
पेट दर्द के कुछ सामान्य कारण
कोई भी उपचार करने से पूर्व उसके होने के कारणों भी थड़ा ध्यान दिया जा सकता है इससे इलाज करने में आसानी रहती है –
- अपच या डिस्पेप्सिया: जब पेट भोजन को पचाने के लिए बहुत संघर्ष करता है जिससे दर्द और असुविधा होती है।
- सूजन और गैस : जब आंतों में अधिक गैस जमा होने लगती है तो पेट में फोन के साथ ही दर्द भी होता है।
- अम्लता या हार्टबर्न: इसे एसिड रिफ्लक्स भी कहते है जब पेट का एसिड वापस अन्नप्रणाली में चला जाता है, जिससे छाती में जलन होती है।
- खाद्य असहिष्णुता: गेहूं या डेयरी प्रोडक्ट खाने के बाद ग्लूटेन या लैक्टोज सेवन से पेट में दर्द और अपच हो सकता है।
- कब्ज: ऐसे में मल त्यागने में बहुत कठिनाई होती है और पेट में ऐठन होती है।
- मासिक धर्म के दौरान दर्द: माहवारी के समय पेट में ऐठन होना सामने है लेकिन यह हल्के से लेकर तीव्र भी हो सकता है।
- स्ट्रेस या चिंता: आंत पर मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव पड़ सकता है, इससे अक्सर पेट में तकलीफ हो जाती है।
- पेट में संक्रमण या फ़ूड पॉइज़निंग: वायरल और जीवाणु संक्रमण से पेट दर्द गंभीर हो सकता है, साथ ही उलटी व दस्त भी हो सकता है।
- आंत्र सिंड्रोम या आईबीएस: पाचन सम्बन्धी आदतों को प्रभावित करने वाली चिड़चिड़ी स्थितियों के कारण बेचैनी और पेट में दर्द होता है।
पेट दर्द के लिए 12 घरेलू उपचार
1. अदरक वाली चाय
पेट दर्द के वजह से कई बार जी भी मिचलाता है ऐसे में अदरक की चाय से बेहतर कोई उपाय नहीं। हालाँकि इसमें दूध न डाले क्योंकि पेट दर्द के दौरान दूध न ले तो अच्छा रहता है। यह फूले हुए पेट को आराम देती है। इसे बनाना बहुत आसान है बस अदरक की कुछ स्लाइस या ग्रेट करके 5-10 मिनट तक ताजा पानी में उबाले और फिर छान कर पिए।
2. पुदीने का तेल
पुदीना तेल पेट दर्द को शांत करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। इसमें उपस्थित मेन्थॉल पाचन तंत्र की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है। पुदीने के तेल को किसी अन्य इस्तेमाल किये जाने वाले तेल के साथ कुछ बुँदे डालकर पेट पर हल्के से मालिश करे इससे गैस कम होगी।
3. गर्म पानी का सेंक
पेट पर से सेंक करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है इसके लिए कॉटन कपडे से गर्म पानी में निचोड़ कर रख सकते है या गर्म बोत्तल या बैग में गर्म पानी। यह खास तौर पर गैस्ट्रिक और पीरियड्स के लिए उपयोगी है।
4. सौंफ़ के बीज
पारंपरिक चिकित्सा में सौंफ़ के बीज का इस्तेमाल पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। यह गैस और सूजन को कम कर सकते हैं। इसलिए भोजन करने बाद एक चम्मच सौंफ का सेवन फ़ायदेमदं है। आप चाहे तो सौंफ की चाय भी ले सकते है।
5. सेब का सिरका
एप्पल साइडर विनेगर पेट के एसिड को संतुलित करने और पीडाड से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और भोजन करने से पहले पिएं। इससे अक्सर होने वाली एसिडिटी और पेट के दर्द का घरेलू उपचार किया जा सकता है।
6. कैमोमाइल चाय
सुगन्धित कैमोमाइल चाय न केवल मेटाबोलिज्म बढ़ाने के काबिल है बल्कि पेट में ऐठन और सूजन के लिए भी लाभकारी है। गर्भावस्था के दौरान कब्ज और छोटे बच्चो के पेट दर्द के लिए इसे घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग कर सकते है लेकिन डॉक्टरी सलाह पर ही गर्भवती ले। । कमोमाइल चाय बेचैनी को कम करती है और पेट के लिए सुखकारी।
7. केला खाये
केला तो पेट की समस्या के लिए है ही समाधान। दस्त हो रहे हो या पेट में किसी प्रकार की गड़बड़ उसे शांत करने के लिए केले का उपयोग करना सबसे सरल उपाए है और इससे कितने सरे पोषक तत्व भी प्राप्त हो जाते है।
8. दालचीनी
दालचीनी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण उपस्थित होते है। आप एक टुकड़ा दालचीनी को एक गिलास पानी में उबाले और कुछ देर उबलने के बाद कप में छान कर पिए। पेट में अगर गैस बानी हो और उसके वजह से दर्द उठ रहा हो तो उसके लिए यह गजब का उपाए है।
9. दही या छांछ
दही और छांछ प्रोबायोटिक्स होते हैं, जिसमे फायदेमंद बैक्टीरिया होते हैं और यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। दही को सादा खाने से पाचन अच्छे से होता है और गैस से होने वाले पेट दर्द में राहत भी मिलती है।
10. कैरम सीड्स
कैरम को अजवाइन भी कहते है और यह भारतीय व्यंजन में उपयोग होने वाली सामग्री है। लेकिन स्वाद के साथ ही पाचन के लिए जबरदस्त है। यह गैस को कुछ हो देर में ठीक कर सकती है इसके साथ ही यह मिलती, खट्टी डकार, कब्ज में भी बहुत उपयोगी है। एक कप गर्म पानी के साथ एक चम्मच अजवायन को फांक ले चाहे तो इसके साथ हींग और काला नमक भी ले सकते है। छोटे बच्चो और व्यस्को दोनों के लिए यह बहुत ही बढ़िया घरेलू उपचार है।
11. धनिया के बीज
धनिया के बीज मसालों के रूप में भोजन में डाला जाता है और यह पेटी की समस्याओं को भी हल कर सकता है। एक चम्मच के लगभग धनिया बीज को पानी में उबाले और छान कर गुनगुना पिए। यह पेट दर्द और गैस्ट्रिक समस्या के लिए बहुत उपयोगी है।
12. नींबू पानी
नींबू पानी रोज ही सेवन किया जाना वाला सरल,सस्ता और कारगर घरेलू उपाए है। यह स्वादिष्ट होने के साथ ही एसिड रिफ्लक्स, हल्का पेट दर्द, मिलती में लाभकारी है खासकर गर्मियों में। बिना नमक के ही सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नीबू पानी पीने से मेटाबलिज़्म बेहतर होता है जिससे फैट लॉस करने में भी आसानी होती है। पाचन को उत्तेजित करने और पेट दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड भोजन को तोड़ने और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है। एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू का रस निचोड़ें और सुबह इसे पिएं। यह उपाय एसिडिटी, पेट दर्द और गैस के लिए भी कारगर है।
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डॉक्टर को कब देखना है
हालांकि घरेलू उपचार से कुछ हल्के पेट दर्द से राहत मिल सकती है, लेकिन कई बार गंभीर मामले भी होते है ऐसे में चिकित्सक को दिखाना जरुरी है जैसे –
- लगातार या अस्पष्टीकृत दर्द
- उल्टी या लगातर मितली होने पर
- कई दिनों से मल त्याग में कठिनाई
- पेट में सूजन आदि
पेट दर्द कितने प्रकार के होते हैं?
पेट दर्द के कुछ प्रकार को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटे सकते हैं:
तीव्र दर्द – Acute Pain
ऐसे में पेट में अचानक और तेज दर्द हो सकता है। दर्द कुछ देर तक हो सकता है और फिर खत्म हो जाता है। यह अकारण और किसी बीमारी के कारण जैसे आंत में सूजन, गैस आदि। यदि अक्सर ऐसा होता है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाए।
पुराना दर्द – Chronic Pain
कुछ पुराने पेट दर्द होते है जो कभी हल्के और कभी तेज होते है। यह अक्सर होता है रहता है और बहुत जल्दी तो नहीं लेकिन कुछ घंटो बाद स्वतः ठीक हो जाता है। यह पुरानी कब्ज, कमर पाचन आदि के कारण होता है। लेकिन गंभीर रोग का भी संकेत हो सकता है।
दबाव जैसा दर्द – Cramping Pain
आंतों के संकुचन के कारण यह दर्द होता है। आंतें जब संकुचित हो जाती है तो पेट में दबाव के कारण ऐठन होने लगती है। अधिकतर यह पीरियड्स में होता है तो देर से लेकर घंटो तक भी हो सकता है।
निष्कर्ष
पेट दर्द में कोई भी कार्य करने में व्यक्ति असमर्थ हो जाता है लेकिन इन घरेलू उपायों से वह जल्दी ही राहत पा लेता है इससे न सिर्फ गैस बल्कि कब्ज, सूजन भी दूर हो सकती है लेकिन कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछे।
Frequently Added Questions (FAQs)
पेट दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए क्या करें?
पेट दर्द में तुरंत राहत केलिए गर्म पानी पीने पिए इससे मांसपेशियों को आराम मिलताहै जिससे दर्द कम होने लगता है।
पेट दर्द का सबसे तेज घरेलू उपाय क्या हो सकता है?
पेट दर्द में अजवाइन, हींग, और काला नमक तुरंत राहत देने वाला प्रभावी उपाय हैं।
गैस और पेट दर्द में कौन सा पॉइंट दबाए?
पेट दर्द में होने पर “Zusanli” (ST36) पोंइट दबाने से पाचन रेगुलेट होता है और स्ट्रेंथ मिल सकती है।
पेट दर्द में क्या खाना चाहिए?
पेट में दर्द के दौरान वैसे तो कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है लेकिन हल्का सुपाच्य खाद्य पदार्थ जैसे केला, सूप, दलिया आदि का सेवन करें।
लैट्रिन न आ रही हो हो तो क्या करना चाहिए?
लैट्रिन आने की समस्या है तो कब्ज या गैस हो सकता है ऐसे में हींग, काला नमक या नींबू पानी ले।
पेट में मरोड़ हो तो क्या खाना चाहिए?
पेट में मरोड़ उठने पर हल्के आहार ही ले जैसे पतली मूंग की खिचड़ी, सूप या दलिया खाएं।
पेट से तुरंत गैस कैसे निकाले ?
पेट की हल्के हाथो से कपूर तेल से मालिश करने पर गैस निकल सकती है वही अजवायन और गर्म पानी के सेवन से भी गैस निकालने में असरलता हो सकती है।
बार-बार लैट्रिन लगे तो क्या खाना चाहिए?
लैट्रिन का बार-बार होना लूज मोशन की समस्या हो सकती है ऐसे नेइसबगोल, नमक-चीनी का घोल, मूंग दाल पीना, केला इत्यादि खाया जा सकता है। लेकिन किसी भी हालत में तेल, मसाला, जंक और फस्ट फ़ूड नहीं खाना चाहिए।
लैट्रिन रुक जाए तो क्या करें?
इस समस्या के लिए भोजन में फाइबर शामिल करे यह आंतो को साफ करता है जिससे लैट्रिन पुनः सुचारु रूप से आने लगती है। इसके अलावा तरल अधिक ले और थोड़ी कसरत करे।