संग्रहणी रोग के लक्षण, कारण, प्रकार और आयुर्वेदिक इलाज

पाचन सम्बंधित समस्या आज हर तीसरे व्यक्ति को है जिसके के लिए कई करक जिम्मेदार हो सकते है उन्ही में से एक है संग्रहणी रोग जो भोजन के अवशोषित करने के कार्य को प्रभावित करती है जिसके फलस्वरूप अन्य पेट से जुडी तकलीफे शुरू हो जाती है। यहाँ जानिए संग्रहणी रोग क्या है इसके लक्षण और उपचार(sangrahani rog ka ayurvedic ilaaj) के बारे में।

चित्र में संग्रहणी रोग से पीड़ित व्यक्ति पेट को छूता हुआ
                           संग्रहणी रोग

संग्रहणी रोग क्या है? – Irritable Bowel Syndrome – IBS

संग्रहणी (IBS) पाचन संबंधी रोग है जिसमे आंतें भोजन पचाने और अवशोषित करने की छमता प्रभावित होती है। जिससे अपच, बार-बार पतला मल, पेट दर्द और कमजोरी जैसी विकार उत्पन्न होते है।

संग्रहणी के प्रकार

संग्रहणी को आयुर्वेद के अनुसार, मुख्यतः चार प्रकारों में बांटा गया है:

  1. वातज संग्रहणी – इसमें सूखा मल, कमजोरी, भूख न लगना और पेट में गैस प्रकट होती है।
  2. पित्तज संग्रहणी – इसमें अम्लता (एसिडिटी), कमजोरी, दस्त के साथ जलन और अधिक प्यास लगती।
  3. कफज संग्रहणी – इसमें चिपचिपा मल, भूख कम लगना, भारीपन और आलस्य शामिल है।
  4. सन्निपातज संग्रहणी – यह वात, पित्त, कफ के बिगड़ने से होती है और इसमें सभी लक्षण हो सकते हैं।

संग्रहणी के लक्षण

  • मल में बदबू आना
  • बार-बार पतले दस्त आना
  • अधपचा मल त्याग
  • अपच और भूख न लगना
  • पेट में दर्द और ऐंठन
  • गैस और सूजन
  • कमजोरी और थकान

संग्रहणी में क्या खाना चाहिए?

संग्रहणी के रोगियों आयुर्वेद में पौष्टिक भोजन, सुपाच्य, हल्का खाने की सलाह दी जाती है।

खाने योग्य चीजें:

  • खिचड़ी, मूंग दाल और दलिया
  •  छाछ और ताजा दही
  • अनार का रस और बेल का शरबत
  • सौंफ का पानी और अजवाइन
  • काली मिर्च युक्त और भोजन अदरक

परहेज योग्य चीजें:

  • तली-भुनी और मसालेदार चीजें
  • बहुत गरम भोजन या बहुत ठंडा
  • कोल्ड ड्रिंक्स, फास्ट फूड और मैदा
  • भारी भोजन और दूध

संग्रहणी का आयुर्वेदिक रामबाण इलाज

  1. बेल फल – बेल का फल खाने या शरबत पीने से दस्त रूकती है और पाचन छमता मजबूत हो सकती है।
  2. सौंफ और अजवाइन– सौंफ और अजवाइन और काला नमक मिलाकर सेवन करने से अपच और गैस में आराम मिल सकता है।
  3. इसबगोल की भूसी – यह मल को नियंत्रित और आंतों को साफ रखती है।
  4. चूर्ण अष्टांग और हृदय  – यह संग्रहणी को ठीक करने कीआयुर्वेदिक औषधि है।
  5. त्रिफला चूर्ण और गिलोय – यह पाचन सुधारने के लिए आंतों की सफाई करता है।
  6. पंचकर्म थेरेपी – विरेचन (शुद्धि क्रिया) और बस्ती जैसी पंचकर्म प्रक्रियाएं संग्रहणी में लाभदायक होती हैं।
  7. मैथी के दाने और दही: मैथी के दाने को एक कटोरी दही में मिलाकर सेवन करने से आंतो की कार्यछमता मजबूत हो सकती है।

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निष्कर्ष

संग्रहणी आंतो से सम्बंधित एक पाचन विकार है लेकिन सही जीवनशैली, खान-पान, और आयुर्वेदिक इलाज द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है।  यहाँ बताये गए कोई भी उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ ले।

 

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