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सात्विक भोजन क्या होता है इसके 10 फायदे, बनाने का तरीका और नुकसान

सात्विक भोजन पौष्टिक, शुद्ध, हल्का और सुपाच्य आहार होता है, जो शरीर, आत्मा और मन को शांति प्रदान करता है।  भगवद गीता के अनुसार, सात्विक आहार बल, आयु और सेहत को बढ़ाता है। इसमें सब्जियां, मौसमी ताजे फल, घी, सूखे मेवे, अनाज आदि शामिल होते है।  यह पाचन को सुधारता है और प्रतिरोधक छमता मजबूत करता है।यहाँ जानिए satvik bhojan ke fayde, बनाने की विधि और हानि।

चित्र में सात्विक भोजन की थाली
सात्विक भोजन

लेकिन जिनको अधिक ऊर्जा चाहिए होती है उनको सात्विक डाइट उतनी ऊर्जा नहीं दे सकता। यह आहार बहुत कम घी, तेल और मसाले के स्वस्दिष्ट और पॉजिटिव ढंग से बचाया जा सकता है।

सात्विक भोजन क्या होता है?

सात्विक भोजन वह आहार(diet) है जो व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को पवित्र करता है। यह प्राकृतिक रूप से संतुलित भोजन होता है जो कि खाने हल्का और पाचन योग्य है। इसमें किसिब भी तरह का राजसिक और तामसिक गन नहीं होताहै। हल्का, ताजा और होता है जो सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें किसी भी प्रकार के तामसिक (भारी, अधिक मसालेदार, बासी) या राजसिक (तीखा, खट्टा, अधिक नमकीन) तत्व नहीं होते।

गीता के अनुसार सात्विक आहार क्या है?

भगवद गीता (अध्याय 17, श्लोक 8 से 10) कमें सात्विक भोजन में वे सभी चीजें आती हैं जो:
शुद्ध, पवित्र और सात्त्विक होती हैं।
आयु, स्वास्थ्य, बल, संतोष और सुख को बढ़ाने वाली होती हैं।
प्राकृतिक रूप से रसयुक्त, पौष्टिक और मीठी हो सकती हैं।

गीता में इन आहारों को  सात्विक कहा जाता है –

  • सब्जिया और मौसमी ताजे
  • गेहूं, जौ, चावल, जैसे अनाज
  • सूखा मेवा
  • घी और दूध
  • चना, मूंग दालआदि

सात्विक भोजन के 10 फायदे – satvik bhojan ke fayde

  1. यह भोजन व्यक्ति मन पर सकारात्मक असर डालता है क्योंकि जैसा भोजन वैसा मन।
  2. सात्विक आहार शरीर को बल और ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर को ऊर्जा देता है: हल्का और पौष्टिक होने के कारण शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
  3. यह आहार किसी भी तरह से भारी नहीं होता है इसलिए पाचन सबंधी कोई विकार नहीं होते है।
  4. इनमे आयुर्वेदिक गुण प्राप्त हो सकते है क्योंकि यह त्रिदोषों को संतुलित करते है।
  5. इयह म्यून सिस्टम  की कार्य छमता बढ़ने में योगदान देते है। को मजबूत बनाता है।
  6. यह भोजन तनाव मुक्त करता है। तनाव और चिंता को कम करता है।
  7. एक संतुलित सात्विक आहार आपकी त्वचा और बालो को सुन्दर और मजबूत करता है।
  8. यह बेहतर नींद लाने में मदद करते है।
  9. एकाग्रता और स्मृति बढ़ाने में उपयोगी।
  10. आध्यात्मिक उन्नति के लिए सात्विक आहार बहुत नद्द करते है क्योंकि यह आपको अंदर से शांति देने में सहायक होता है।

संतुलित आहार(balance diet) किसे कहते हैं यह क्यों आवश्यक है

सात्विक भोजन के नुकसान

वैसे तो यह भोजन बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ मामलो में यह चुनौतीपूर्ण स्थिति साबित हो सकता है:

  • यदि शरीर को अधिक ऊर्जा की जरूरत है तो यह अधिक मात्रा में कैलोरी प्रदान नहीं करता है।
  • यदि सात्विक आहार को लेकर अधिक सख्त हो जाते है तो कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
  • कई बार प्रत्येक मौसम के फल और सब्जिया उपलब्ध नहीं हो सकती।

सात्विक भोजन कैसे बनाएं

  1. शुद्ध और तजि सब्जियों और फलो का ही उपयोग करे।
  2. अधिक तेल या मसाले न डाले।
  3. भोजन को प्रेम और पूरी सकारात्मकता के साथ बनाएं।
  4. डिब्बाबंद और प्रसंस्कृत वस्तुओं का सेवन न करे।
  5. भोजन बनाते वक्त नाम जप, भजन या मेट्रो को कहे। इससे भोजन स्वादिष्ट बनता है।

सात्विक भोजन में क्या खाना चाहिए?

  • फल: आम, सेब, केला, नारियल, पपीता आदि खाये।
  • सब्जियाँ: तोरई, पालक, गाजर, लौकी, शकरकंद।
  • दूध और डेयरी: गाय का दूध, घी, मक्खन, दही।
  • सूखे मेवे: बादाम, अखरोट, मुनक्का।
  • अनाज: साबुत गेहूं, ब्राउन राइस, जौ, बाजरा।
  • दालें: मूंग दाल, अरहर दाल।

निष्कर्ष

सात्विक भोजन केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है। गीता में इसे श्रेष्ठ आहार बताया गया है, जो शरीर और मन को संतुलित रखता है। हालांकि, इसे अपनाने से पहले अपनी जीवनशैली और पोषण की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना जरूरी है।

 

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