मैग्नीशियम की कमी के 11 चेतावनी संकेत और दवा
हमारे शरीर के लिए मैग्नीशियम एक बेहद महत्वपूर्ण मिनरल है।जो हड्डियों को मजबूत बनाने , मांसपेशियों के काम में मदद करने और कई अन्य कार्यों में शरीर को योगदान देता है। लेकिन शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आज यहाँ जानते है मैग्नीशियम की कमी से किस प्रकार के लक्षण नजर आते है एवं अन्य जानकारियां।

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण
मैग्नीशियम शरीर मे कम होने से कुछ सामान्य लक्षण(magnesium deficiency symptoms in hindi) हो सकते हैं:
- मांसपेशियों में ऐंठन या खिंचाव
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- स्ट्रेस और बेचैनी
- अनिद्रा (insomnia)
- दिल की धड़कन में अनियमित होना
- चक्कर आना या सिरदर्द
- मितली और भूख कम लगना
- हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्न होना
इनमे से कोई भी लक्षण आपको महसूस होते है तो मैग्नीशियम की कमी हो सकती है।
मैग्नीशियम की कमी से कौन सा रोग होता है?
मैग्नीशियम की कमी से कुछ इस प्रकार के स्वास्थ्य समस्याएं या रोग हो सकते हैं:
- हृदय रोग से सम्बंधित जैसे : ब्लड प्रेशर बढ़ना और हार्ट रिदम (Arrhythmia)
- मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और ऐठन की समस्या
- मूड डिसऑर्डर जैसे : तनाव, चिंता और डिप्रेशन
- हड्डियों से जुडी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा
- माइग्रेन या सिरदर्द में बार-बार दर्द होना
- मधुमेह या शुगर लेवल पर प्रभाव
- पाचन तंत्र से जुडी समस्याएं
मैग्नीशियम की गोली कब लेनी चाहिए?
मैग्नीशियम के लिए कोई भी गोली या सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले, खासकर जब यह हो:
- जाँच से मैग्नीशियम की कमी का पता चला हो
- मांसपेशियों में वीकनेस लग रही हो
- नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हो
- डॉक्टर ने हड्डियों या ह्रदय से से जुडी कोई प्रॉब्लम बताई हो।
1 दिन में कितना मैग्नीशियम लेना चाहिए?
एक स्वस्थ वयस्क को दिन का अनुमानित मैग्नीशियम लेना इस प्रकार है:
आयु वर्ग | दैनिक मैग्नीशियम की मात्रा (मिलीग्राम में) |
---|---|
पुरुष (19-30 वर्ष) | 400 mg |
पुरुष (31 वर्ष से ऊपर) | 420 mg |
महिलाएं (19-30 वर्ष) | 310 mg |
महिलाएं (31 वर्ष से ऊपर) | 320 mg |
गर्भवती महिलाएं | 350-360 mg |
स्तनपान कराने वाली महिलाएं | 310-320 mg |
यह आहार और सप्लीमेंट दोनों से मिलकर बनी मात्रा होनी चाहिए।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे मैग्नीशियम की कमी है?
मैग्नीशियम की कमी है या नहीं इसका पता लगाने के लिए:
- मैग्नीशियम का स्तर मापने के लिए डॉक्टर से अपना रक्त जांच (Blood Test) कराएं।
- अभी ऊपर जो भी लक्षण बताये गए है उन्हें ध्यान में रखे।
- यदि इनमे से कोई भी लक्षण बार-बार दीखते है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
मैग्नीशियम कब नहीं लेना चाहिए?
वही कुछ परिस्थितियों ऐसी भी होती है जी जिनमे मैग्नीशियम नहीं लेना चाहिए:
- यदि किसी को किडनी की बीमारी है, तो बिना डॉक्टरी परामर्श के मैग्नीशियम न लें।
- दिल से सम्बंधित कोई भी दवा ले रहे है तो जैसे ब्लड प्रेसर के लिए तो मैग्नीशियम का कोई भी सप्लीमेंट न लें।
- कुछ लोगो को मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने पर पेट में गैस, उल्टी या एलर्जी हो सकती है।
मैग्नीशियम की कमी के लिए दवा -magnesium ki dawa
मैग्नीशियम की कमी को पूरी करने के लिए कुछ दवाएं है जिन्हे सिर्फ डॉक्टर के कहने पर ही ले सकते है।
- मैग्नीशियम ग्लूकोनेट (Magnesium Gluconate)
- मैग्नीशियम ऑक्साइड (Magnesium Oxide)
- मैग्नीशियम साइट्रेट (Magnesium Citrate)
- मैग्नीशियम लैक्टेट (Magnesium Lactate)
इनके सेवन का तरीका भी डॉक्टर के निर्देशानुसार ही करे।
20 सबसे अधिक प्रोटीन वाले चीज़ों की लिस्ट-high protein food chart in hindi
क्या दूध में मैग्नीशियम पाया जाता है?
हाँ, दूध में भी मैग्नीशियम पाया जाता है, लेकिन अल्प मात्रा में ही। 100 मिली दूध में केवल 10 से 15 मिलीग्राम ही मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम के लिए आपको बीज, नट्स, हरी पत्तेदार, साबुत अनाज, सब्जियां और दालें भी खा सकती हैं।
निष्कर्ष
मैग्नीशियम शरीर के लिए बहुत जरूरी है इसकी कमी से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, इसलिए सीके स्रोत वाले आहार लें और वही जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसकी दवा, सप्लीमेंट और आहार का सेवन करे। इसके अतिरिक्त अपनी मैग्नीशियम की टेस्ट भी कराते रहे जिससे सेहत पर आसार न पड़े।