Zinc ki kami ke lakshan-मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे जिंक की कमी है?
जिंक (Zinc) एक जरुरी खनिज (Mineral) है, जो शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए बहुत जरूरी होता है जैसे की नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाना, स्वाद और गंध की पहचान, घावों को भरना और कोशिकाओं का निर्माण। इसकी कमी होने पर शरीर कई स्तर पर प्रभावित हो सकता है। यहाँ आप जान पाएंगे इस लेख में हम जानेंगे जिंक की कमी(zinc deficiency) के लक्षण, कारण, मात्रा और सावधानियाँ

मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे जिंक की कमी है?
जिंक की कमी होने पर इसके लक्षणधीरे-धीरे सामने आते हैं इसलिए कई बार हम नजरअंदाज कर देते हैं।
इसके प्रमुख लक्षण (zinc deficiency symptoms in hindi) हैं:
- भूख में कमी
- हेयर फॉल
- लो इम्युनिटी
- घाव का जल्दी न भरना
- त्वचा पर सूजन या दाने
- स्वाद न आना और गंध में कमी
- आँखों की रोशनी कम होना खासकर रात के समय
- चिड़चिड़ापन और मानसिक थकावट
- बच्चों में विकास धीरे होना
जिंक की कमी से कौन से रोग होते हैं?
लंबे समय तक बॉडी में जिंक की कमी होने पर इस तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं:
- त्वचा रोग जैसे – Acrodermatitis Enteropathica
- वायरल इंफेक्शन
- प्रजनन संबंधित समस्याएँ
- बच्चों क लम्बाई न बढ़ना या विकास में कमी
- डिप्रेशन
- आंखों से जुड़ी प्रॉब्लम्स
- दस्त खास बच्चो में
- वीकनेस और भूख की कमी
1 दिन में कितना जिंक ले सकते हैं?
उम्र और लिंग के अनुसार जिंक की मात्रा अलग होती है। औसतन यह सुरक्षित मात्रा निम्नलिखित हो सकती है:
आयु वर्ग | अनुशंसित दैनिक मात्रा (RDA) |
---|---|
शिशु (0-6 माह) | 2 mg |
बच्चे (1-3 वर्ष) | 3 mg |
किशोर (9-13 वर्ष) | 8 mg |
पुरुष (14+ 18 वर्ष) | 11 mg |
महिलाएँ (19+ वर्ष) | 8 mg |
गर्भवती महिलाएं | 11 mg |
स्तनपान कराने वाली महिलाएं | 12 mg |
अधिकतम सीमा: वयस्कों के लिए एक दिन में 40 mg से अधिक जिंक नहीं लेना चाहिए।
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4. क्या रोजाना जिंक की गोलियां लेना अच्छा है?
यदि शरीर में जिंक की कमी रहती है, तो डॉक्टर की सलाह से ही कुछ सप्ताह तक सप्लीमेंट ले सकते है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखें:
- ज्यादा मात्रा में जिंक लेना या लंबे समय तक सेवन हानिकारक हो सकता है।
- इससे बॉडी में कॉपर (Copper) की कमी हो सकती है।
- अधिक जिंक उपयोग से दस्त, मतली, सिरदर्द और उल्टी हो सकता है।
निष्कर्ष: रोजाना जिंक की गोलियाँ बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
जिंक का उपयोग किसे नहीं करना चाहिए?
इन लोगों को प्रमुख रूप सावधानी बरतनी चाहिए:
- किडनी और लीवर रोगी के शरीर में टॉक्सिसिटी बढ़ सकती है।
- कॉपर की कमी वालो में जिंक, कॉपर का अवशोषण को कम कर देता है।
- एंटीबायोटिक लेने वालो में जिंक उसका असर कम कर देता है।
क्या दूध में जिंक होता है?
हाँ, दूध में अल्प मात्रा में जिंक मौजूद होता है विशेषकर:
- 100 ml गाय का दूध में लगभग 0.4 से 1 mg जिंक
- बकरी क दूध में 0.3 से 0.5 mg
- माँ का दूध नवजात के लिए पर्याप्त मात्रा में जिंक प्रदान करता है
लेकिन दूध सिर्फ थोड़ी कमी ही पूरा कर सकता है, आपको डॉक्टर के परामर्श जरूरी सप्लीमेंट या अन्य स्रोत से इसकी कमी पूरी करनी पड़ सकती है।
शरीर में जिंक में कम होने पर क्या होता है?
शरीर की कुछ नेचुरल कार्य की गति प्रभावित हो जाती हैं:
- नयी कोशिकाएँ न बनना
- प्रतीक्षा तंत्र पर प्रभाव
- बालों और त्वचा की गुणवत्ता खराब हो जाती है
- घाव भरने मे देरी
- मस्तिष्क के कार्य में बाधा
- टेस्टोस्टेरोन में कमी
- हार्मोन्स असंतुलन
जिंक की कमी से कौन से अंग प्रभावित होते हैं?
जिंक की कमी कई अंगों पर असर डालती है :
- त्वचा में सूखापन और रैशेज
- बाल का झड़ना या कमजोर होना
- आंतो में अपच और दस्त
- प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना
- आँखों में धुंधलापन या रतौंधी
- मस्तिष्क में थकान और मूड स्विंग्स
- प्रजनन क्षमता पर असर या गिरावट
निष्कर्ष:
जिंक की कमी(deficiency of zinc) को अनदेखा नहीं करना बॉडी के लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है। यदि लक्षण समज नहीं आते है तो ब्लड टेस्ट करा सकते है इसके अलावा यहाँ बताये गए किसी भी उपाए को अपनाने से पहले चिकित्सक से पूछे और उनके कहने पर ही कोई सप्लीमेंट्स ले।